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आत्म संगनी संग गुज़रे चार अनमोल साल
मन की व्याकुलता को शीतलता में बदलने का दूसरा नाम मेरी आत्म संगनी।आत्म संगनी संग मेरे अदभुत,अलौकिक पर मौलिक संबंधों को जन्मे अब चार साल गुज़र गए हैं अगले सप्ताह हम पांचवीं साल में प्रवेश करेंगे। इन चार सालों में मेरी मधु कामिनी के सिर से लेकर पांव तक के सारे तिल,सारे दर्द,सारे भाव,सारे गुण ओर सारे किंतु परन्तु का मुझे भली भांति ज्ञान हो गया था। मुझे इस बात का पूर्ण...