...

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निक्कू chapter no.15
निक्कू पर मैं भी जानता हूं की....
निक्कू बोली क्या जानते हो बताओ
की कुछ नही हो सकता है हम दोनों का क्योंकि एक तरफा मोहब्बह है मेरी,
मैं तो तुम्हे सच्चे दिल से प्यार कर लूँगा पर सायद तुम कभी न कर पाओ ओर मैं इंतेज़ार करते रह जाऊ।।
उदासी मेरे चेहरे का
लिबास है,बस सिर्फ हँसी
मेरे बस की बात है,तुम्हे
छीन लेना निक्कू मेरी फितरत ही
नही,तुम खुद मिल जाये तो
और बात है।।
ये बात बोलते बोलते थोड़ा आँशु छलक गए मेरे,पर फिर भी खुस था प्यार न सही पर अच्छी प दोस्त तो थी ,जो मेरे साथ हर मोड़ पर खड़ी थी।।
निक्कू हँसने लगी,मैंने कहा हँसो मत यार ,,
निक्कू बोली ठीक है लो हो गयी चुप
मैंने बोला चुप तुम हो ओर खामोश हम है....
खामोश हो लब तो मुस्कुराहट...