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हमारी मां(६)
अगले दिन सुबह वे दोनों देर‌ से निकले क्योंकि बारिश बहुत हो रही थी।बस स्टेशन पर पहुंच कर बस का इंतजार कर रहे थे।मम्मी बोल रही थीं "अगर जोशी जी मिल जाते तो बात पक्की समझ में आती‌ पर ये समझ में नहीं आ रहा कि वे जोशी जी जो दौलताबाद के हैं,जगह-जगह क्यों घूमते हैं?" आंटी ने कहा "हमारे पास जो कमंडल लेकर धोती-कुर्ता पहने तेल या चावल लेने आते हैं न जोशी जी ,ये वैसे जोशी जी की बात हो रही है जो दौलताबाद के हैं।"अच्छा!कहकर मम्मी चुप हो गयीं।
कुछ देर उनके सामने एक बस आकर रूकी उसमें से एक लम्बे सांवले से व्यक्ति उतरे,उन्हें देखते ही पीछे से एक लड़का चिल्लाया 'यही हैं जोशीजी'।दोनों ने पीछे मुड़ कर देखा,तो वह बोला 'मौशी मैं आप लोगों की बात सुन रहा था।यही हैं वे दौलताबाद वाले जोशी जी।'कहकर लड़का बस में चढ़ गया,बस निकल गयी।
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