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मेरी कहानी मेरी जुबानी😊🙏
मैं रोशनी😊
काफी वक्त हो गए,इस बात को,लेकिन आज आपसब के साथ बाटना चाहती हूँ।
ये कोई बड़ी बात तो नही है,पर मुझे कैसे ये चीज़े समझ आयी,ये बताना था😊🙏🙏

काफी समय पहले,या कहिये कुछ साल पहले
मैं पीछे अपने गार्डन में बैठी थी।ठंड का मौसम था,तो धुप भी हल्की थी,सूरज भी बड़ा प्यारा लग रहा था,वरना सूरज चाचू तो खुद को देखने नही देते😂😂

पंछियों का झुंड आया था,और कुछ चुनते हुए,उनको खा रहा था,मैं काफी देर से ये सब देख रही थी।जिसमे गौरेया,मैना, कौआ,कबूतर और गिलहरी शामिल थी।😊

कोने में थोड़े कचड़े जैसे फैले हुए है,वहां से वो ढूंढ़ कर खा रहे थे,तब ही मेरे मन में ये ख्याल आया,कितने मेहनत करते है,ये
और इनके छोटे बच्चों को अपने चोंच से खिला
भी रहे थे।
ये सब देख कर मैं बहुत खुश हो रही थी,बहुत सकून मिलता है।प्रकृति के करीब होने से😊😊

तब ही मेरे मन में ये ख्याल आया,मुझे इनकी मदद करनी चाहिए।मैंने इनको चावल और रोटी के छोटे छोटे टुकड़े दिए,और इनको देखने लगी।

ये सब खाने लगे,थोड़ी देर में और पंछी आ गए,
मैं बहुत खुश हो गयी😊तब से मैं हमेशा इनको खाने के लिए देती हूं,गर्मी में पानी भी देती हूँ😊

मेरे घर के बाग में बहुत से पंछी हमेशा आते है।
आप भी थोड़ा सा खाना इन्हें रोज दिया करे,
उनको भोजन भी मिल जाएगा और आपको सकून भी।
ईश्वर ने हमे हमेशा सबकी मदद के लिए ही बनाया है,जहां भी सके,जितना हो सके,सबकी मदद करे।।
यकीन मानिए बहुत ही अच्छा लगता है😊🙏🙏

कोई भी त्रुटि के लिए माफी😊🙏🙏
© roshni🙃