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एक सवाल आजतक
अपने आप में ही सवाल था उस दिन का सुबह, जब मैं अपने क्लास को जा रही थी।। मेरे साथ मेरी कुछ सहेलियां भी थी। हम जा रहे थे तभी मेरी नजर छोटे-छोटे तीन बच्चों पे परी, एक बड़ी बहन थी जो लगभग दस वर्ष की होगी और दूसरी सात वर्ष की, और जो सबसे छोटा था वो लगभग पाँच वर्ष का होगा। किन्तु वो अपाहिज़ था वो चल नहीं पा रहा था।मेरी नजरे विचलित ही नहीं हो रही थी उन दृश्य के अलावा कुछ देखने को।मैंने जो देखा वो दृश्य वास्तव में करुणा से परे था। बड़ी लड़की किसी से कुछ मांग रही थी और दूसरी इस आश में की शायद आज उसकी दीदी को कुछ मिल जाएगा। वो अपनी नजर उस इंसान पर टिकाए हुई थी बस।वो भूल चुकी थी की उसके पीछे उसका अपाहिज भाई भी है। तभी एक ऐसी घटना होते-होते बची, उधर से एक बस आ रही थी तभी वो बच्चा भी अपनी बहनों की तरफ बढ़ता जा...