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आसमा को हुआ प्यार
आसमा और उसके फ्रेंड स्कूल से जब घर लौट रहे थे तब आसमां ने अपनी गली में एक नए लड़के को देखा
उसने अपने दोस्तों से पूछा कि यह लड़का पहले तो कभी नहीं देखा
आसमा की फ्रेंड ने कहां कि ये यहां नए आए हैं पर आसमा तो उस लड़के को देखकर मानो सपनों में ही खो गई
आसमा ने उससे मिलने की कई बार कोशिश की पर उस लड़के ने तो एक बार देखा तक नहीं शायद वो नहीं जानता था कि उसका आसमा पीछा कर रही थी
आसमां ने उसका नाम पता लगा लिया था
उसका नाम राहुल था कुछ महीनों में दोनों के घरों में जान पहचान होने लगी आसमां का परिवार और राहुल का परिवार साथ मिलकर बातें भी किया करतेे पर राहुल फिर भी आसमां से बात नहीं करता था
1दिन राहुल की तबीयत खराब हुई तो आसमा राहुल के घर आई
राहुल बिस्तर पर लेटा हुआ था और आसमां भी बिस्तर पर जा बैठी
उसने राहुल से पूछा अब तबीयत ठीक है तो राहुल ने मुंह फेर लिया
कहा नहीं तुम्हारे आने से मेरी तबीयत और खराब हो गई है और आसमां ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है
मैं चली जाती हूं तो तुम्हारी तबीयत ठीक हो जाएगी वहां से चली जाती है
उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे लड़कियों से बात करना नहीं आता था
हर रविवार की तरह आज भी आसमां राहुल के घर आई थी मगर उसे देखकर राहुल ने मुंह फेर लिया
राहुल उसे देख घर से बाहर निकल गया तो राहुल को जाता देख आसमां ने रोककर कहां की तुम बाहर जा रहे हो
मैं भी साथ चलूं
तो उसने गुस्से से कहा तुम अपने काम से काम क्यों नहीं रखती हो
आसमा की आंखों में आंसू थे और वहां से चली जाती है
कुछ दिनों बाद फिर आसमां राहुल के घर आई थी
शायद उसे कुछ कहना था
जब राहुल सामने आया तो उस ने राहुल को रोककर कहा मुझे तुमसे कुछ कहना है राहुल ने कोई जवाब नहीं दिया
फिर भी आसमां कहने लगी मैं तुम्हें पसंद करती हूं
मुझे तुम अच्छे लगते हो मगर राहुल यह सब सुनकर और गुस्सा हो गया
और कह दिया कि तुम यहां से चली जाओ मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है और फिर मत आना यहां पर उसकी आंखों में फिर आंसू थे वहां से चली जाती हैं रोते हुए उस दिन
राहुल को पूरी रात नींद नहीं आई जैसे किसी के साथ कुछ गलत कर दिया हो पर यह भी था कि ऐसा क्या देखा आसमां ने जो मुझे पसंद करने लगी
रात भर यह सोचता रहा कि उसने मुझ में क्या देखकर पसंद किया
मुझे तो नहीं लगता कि मेरे अंदर कोई खास बात है
कल रविवार का दिन था राहुल को उम्मीद थी कि आसमा कल भी आएगी
फिर मैं माफी मांग लूंगा और अपने दिल की बात कह दूंगा उससे कि
हां मैं भी तुम्हें पसंद करता हूं पर कहने से डरता था
मगर ऐसा हुआ नहीं हर बार की तरह आज आसमा आई नहीं शायद
गुस्सा थी मुझसे या नाराज
रोज उसे देखने को बाहर निकलता था मगर वह जैसे गायब हो गई थी
ना छत पर ना बालकनी में शायद मुझसे बहुत नाराज थी
एक रोज किसी दुकान पर देखा उसे
मुझे देख वहां से जाने लगी मैंने उसे रोका मैंने कहा आसमा उस दिन के लिए माफी मांगता हूं
एकदम ऐसा हुआ मैं समझ नहीं पाया
शायद कुछ ज्यादा कह दिया पर
मैं भी तुम्हें पसंद करता हूं
तुमसे प्यार भी करता हूं आसमा की आंखों में चमक थी
वो अब खुश थी उसने हंसते हुए का तो फिर हम आज से गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड है क्या?
मैंने हंसते हुए कहा हां आसमा
हम उस दिन से रोज बात किया करते हैं कभी फोन कॉल पर कभी बालकनी से
कभी घूमने जाते
एक दूसरे से अपने दिल की बातें करते
मैं उसे कभी कोई अच्छी जगह घुमाने ले जाता
तो कभी आसमा मुझे अपनी पागलों वाली बातें बता कर हंसाने की कोशिश करती
हम साथ है और बहुत खुश है और दोनों के बीच बहुत सारा प्यार है

बस इतनी सी भी कहानी