...

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मेरी प्यारी Nikku chapter 5
सुबह मैं निक्कू मैसेज भी नही की ,सायद सो रही हो या देर से उठी हो,,कॉलेज मैं भी हम आमने-सामने बात नही करते थे अगर दूरी 2 मीटर का भी हो तो भी हम मैसेज से ही बात करते थे,,पता नही क्यों जब वो सामने वो आती थी या तो वो शर्मा जाती थी या मैं ओर हम दोनों की नजरें झुक जाती थी।
कॉलेज से आने के बाद ,रूम नंबर 126 जो कि मेरा था ,पर दरवाजा कहा से खोलू चाभी भूल गया,,ओर ये बनिया आया नही,ओ माफ कीजिएगा भूल ही गया बताना ये मेरा रूम पार्टनर ऋत्विक था ,हम लोग प्यार से बहोत नाम रखे उसका,वो आगे कहानी मे पता चलेगी,
ऋत्विक आया गेट खोला फिर मैं रूम मे गया फिर उसके बाद खाने चला गया बहोत भूक लगी थी फिर अपने बिस्तर पर आ गया आराम करने
सोचा निक्कू को मैसेज कर देता हूं थोड़ा बात कर तो ले,मैंने बोला सुभ संध्या,कैसी हो ठीक हो न निक्कू बोली सिद्धान्त सुनो मैं बहोत खुस हु मेरी ड्रेस बहोत अच्छी है,अरे वाह निक्कू बहोत अच्छी है सच मे तो अब तुम्हे मुझे कुछ खिलाना चाहये ओर निक्कू सुनो ड्रेस की पूरी तस्वीर भेजो मुझे भी अच्छी लगी और तुम पे तो ओर अच्छा लगेगा निक्कू हँसने लगी और बोली अच्छा सुनो नही मत सुनो बाद मे बात करती हूं मैं बोला अरे क्या हुआ बोलो निक्कू बोली कुछ नही मैंने फिर ज़िद की तब निक्कू बोली कि ये ड्रेस अच्छी तो है न मुझे काला चाहये था पर नही मिला,मैंने गुस्सा में बोला यही बोलना था,अरे अच्छा है बहोत तुम पे अच्छा लगेगा,निक्कू आप प्यारी हो न इसीलिए तुम पे सब अच्छा लगेगा,निक्कू बोली ह पता है ये वही ड्रेस है जो मैंने दिखाई थी तुम्हें मैने बोला ह मुझे पता है याद है मुझे पर अच्छी ड्रेस है जो तुमपे काफी जचेगी,कहते है अच्छा वक्त ज्यादा दिन तक नही रहता हैअब मेरा सायद पूरा वक़्त बदलने वाला था,ये वो व्वक्त था जो मेरे लिए बहोत से बदलाव लाने वाला था,निक्कू अचानक मैसेज की ,ओर बोली क्या तुम श्रेया की तस्वीर अपने छात्रावास के ग्रुप मैं डाला है क्या ये सच है??
मैंने पूछा तुम्हे किसने बोला
वो बोली बताओ न सच है या नही निक्कू...