टूट गए ख़्वाब सारे..........
झरझर गिरते आँखों से आबशार है,
आज़माइशें ख़त्म होने का इंतज़ार है.....
हर शामें मेरी अब उदास रहने लगी है ऐसा लगता है जैसे मैं कोई ख़्वाब देख रही हूँ मुझे लगता ही नहीं ये मैं हूँ जो किसी के लिए इस कदर तड़प सकती हूँ रो सकती हूँ ,
मुझे कभी भी मोहब्बत ओहब्बत पर यक़ीन नहीं रहा है मुझे हमेशा लगता था ये सब फ़क़त दिमाग़ का ख़लल है और कुछ नहीं, लेकिन अब मैं खुद इस एहसास को जी रही तो मुझे लग रहा इससे ज़्यादा न कुछ खूबसूरत है ना इससे ज़्यादा तकलीफ़देह, मुझे मेरी साँस अटकती महसूस होती दिल में ऐसा दर्द होता जो बरदाश्त से बाहिर होता,
इस मोहब्बत का एहसास भी मुझे उसे खोने के बाद हुआ जब वो...
आज़माइशें ख़त्म होने का इंतज़ार है.....
हर शामें मेरी अब उदास रहने लगी है ऐसा लगता है जैसे मैं कोई ख़्वाब देख रही हूँ मुझे लगता ही नहीं ये मैं हूँ जो किसी के लिए इस कदर तड़प सकती हूँ रो सकती हूँ ,
मुझे कभी भी मोहब्बत ओहब्बत पर यक़ीन नहीं रहा है मुझे हमेशा लगता था ये सब फ़क़त दिमाग़ का ख़लल है और कुछ नहीं, लेकिन अब मैं खुद इस एहसास को जी रही तो मुझे लग रहा इससे ज़्यादा न कुछ खूबसूरत है ना इससे ज़्यादा तकलीफ़देह, मुझे मेरी साँस अटकती महसूस होती दिल में ऐसा दर्द होता जो बरदाश्त से बाहिर होता,
इस मोहब्बत का एहसास भी मुझे उसे खोने के बाद हुआ जब वो...