रिश्तें और ख़ूद
#ख़ूद टूट जाओ
जब कोई बच्चा जन्म लेता हैं तो उसका मन सबसे पहले जाता हैं जन्म देने वाली माँ में!
धीरे, धीरे जब वह बड़ा होता हैं तो माँ बताती हैं कि ये हैं तुम्हारे पिता जी तब उस बच्चे का मन पिता में जाता हैं और फिर जब माता पिता ये समझाते हैं उसे कि यह तुम्हारे भाई, बहन हैं फिर उसका मन अपने भाई बहन में जाता हैं!
हम सबसे पहले माँ को जानते हैं जिनके कारण इस दुनियाँ में हैं और फिर एक,एक कर हम हर रिश्ते को समझ जाते हैं और निभाते भी हैं!
माँ का जो निश्छल, निःस्वार्थ प्रेम हैं उनका जो संस्कार हैं।
पिताजी का जो स्वाभिमान हैं।
उसे बनाए रखने का फ़र्ज़ भी तो निभाना चाहिए।
गलती बच्चे करते हैं बदनामी माँ-बाप को झेलनी पड़ती हैं फिर उन पर क्या गुजरती होगी?
उस वक़्त कितने दर्द सहकर और सपने सजाकर एक माँ जन्म देती हैं अपने बच्चे को!
एक बाप के कितने आरमां होते हैं?
जब बच्चे बड़े होकर उन सारे, सपने अरमानों का गला एक, एक कर घोंट देते हैैं। उस समय...
जब कोई बच्चा जन्म लेता हैं तो उसका मन सबसे पहले जाता हैं जन्म देने वाली माँ में!
धीरे, धीरे जब वह बड़ा होता हैं तो माँ बताती हैं कि ये हैं तुम्हारे पिता जी तब उस बच्चे का मन पिता में जाता हैं और फिर जब माता पिता ये समझाते हैं उसे कि यह तुम्हारे भाई, बहन हैं फिर उसका मन अपने भाई बहन में जाता हैं!
हम सबसे पहले माँ को जानते हैं जिनके कारण इस दुनियाँ में हैं और फिर एक,एक कर हम हर रिश्ते को समझ जाते हैं और निभाते भी हैं!
माँ का जो निश्छल, निःस्वार्थ प्रेम हैं उनका जो संस्कार हैं।
पिताजी का जो स्वाभिमान हैं।
उसे बनाए रखने का फ़र्ज़ भी तो निभाना चाहिए।
गलती बच्चे करते हैं बदनामी माँ-बाप को झेलनी पड़ती हैं फिर उन पर क्या गुजरती होगी?
उस वक़्त कितने दर्द सहकर और सपने सजाकर एक माँ जन्म देती हैं अपने बच्चे को!
एक बाप के कितने आरमां होते हैं?
जब बच्चे बड़े होकर उन सारे, सपने अरमानों का गला एक, एक कर घोंट देते हैैं। उस समय...