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वो मेरे स्कूल दिनों की आखिरी नुकसान थी
राबिया सिद्दीकी
Class- X- B
DAV Public School - सुंदरनगर, MH
18April 2014

"खत" (A_Yadav)
"प्यारे दोस्त मै जा रही हूं तुमसे बहुत दूर किसी दुसरे शहर, शायद यहां से हम कभी मिले भी ना और जब तक तुम इसे पढ़ो मैं कही दूर पहुंच चुकी होंगी..!

जाते जाते कहना था,की बाते स्कूल में सिर्फ तुम्हारी होती थी दोस्तो से, तुम्हे देखना घंटो निहारना सब अच्छा लगता था,तुम्हे पहली बार स्कूल स्पोर्ट में देखी थी कैसे स्कूल की लड़किया तुमपे मरा करती थी , और उनमें एक मै भी थी, राबिया..!

याद है वो Slambook जिनमे तुम्हारे शब्द थे वो book 📚 मेरे पास ही है एक वही तो है जिसे छूने से मात्र तुम्हे स्पर्श पाकर खुश हो जाती हूं

कभी कहा नही, मन की बाते कुछ अपनो की वजह से तो कभी मजहब वजह थी,
आख़िर में सिर्फ इतना कहना था , इस उम्र में प्रेम का पता नही लेकिन मेरे 🥰 Crush थे तुम. और यही एक प्रेम जैसा था मेरे लिए..!!

जानते हों लिखने को तो बहुत है लेकिन आंखे नम: है क्या लिखूं और क्या नहीं, के बिच एक शिकायत है और रहेंगी की कभी तुम भी पुछ लेते हाल मेरा तो अच्छा होता,
खैर अंत में इतना ही लिखूंगी की अब तो तुम याद ही आओगे_ आजीवन स्कूल की बातो में जब कभी जीकर होगा मेरा_ स्कूल की यादों से !!♥️