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Ek SarFira Insan
ये कहानी है एक ऑनलाइन दोस्ती की ,जिसने दो लोगो की जिंदगी बदल दी थी ,ये कहानी है एक सरफिरे इंसान की जो क्या चाहता है पता नही वो क्या बनना चाहता है उसका भी पता नही ,उसका अस्तित्व क्या है पता नहीं,
उसके अस्तित्व पर सवाल इसलिए भी क्योंकि वो थी तो एक लड़की पर लड़की जैसी नही ,उसकी आत्मा लड़के की थी ,पर उसका शरीर एक लड़की का था ,और इसलिए वो खुद से नफरत करता था ,और इसी अस्तित्व के सवाल ने उसे एक और सवाल दे दिया था की वो इस दुनिया में आखिर क्यों है ,उसे तो मर जाना चाहिए,वो जल्द से जल्द इस शरीर से छुटकारा पाना चाहता था और इसलिए उसने खुद को मारने की कोशिश भी की थी ,पर उसके दिल ने इस बात की गवाही नही दी जिसकी वजह से वो सरफिरा इंसान अब इन्ही सब सवालों को ढूढने के लिए निकल पड़ा ,और इन सवालों से वो अक्सर पागलों जैसा व्यवहार करता था और थोड़ा गुस्सा नही बहुत गुस्सा करता था , और उसके गुस्से की वजह से उसका आज तक कोई दोस्त नहीं बना था ,और वैसे भी वो पाने सवालों को लेकर इतना उलझा रहता था की वो किसी से भी बात तक नहीं करता था ,वो अब खुद को इस दुनिया में सबसे लग समझता था ।
वो हमेशा अकेले ही रहा करता था ,उसको अकेले रहना बहुत पसंद आने लगा था और उसके इसी अकेलेपन ने उसकी एक कल्पनाओं की दुनियां बना ली थी ,वो अपनी कल्पनाओं में इस कदर खोया रहता था कि उसे उसके आस पास क्या हो रहा है उससे कोई भी वास्ता नहीं होता था ,वो स्कूल भी जाता था तो अकेले एक ही ब्रेंच पर बैठा रहता था ,ना किसी के साथ खेलता था ना ही किसी से बात करता था ,
उसके इस आदत से उसके मां बाप भी परेशान थे ,वो अक्सर उसे खेलने कूदने और दुसरो के साथ वक्त बिताने के लिए कहते थे ,पर उस सरफिरे इंसान को अपने मां बाप की बातो का थोड़ा भी असर नहीं होता था ,क्योंकि वो हद से ज्यादा कल्पनाओं में खोया रहता था और इसलिए उसे अपने मां बाप और बाकी लोगो की बातो को भी अनसुना कर देता था ,वो अपनी कल्पनाओं में रोज एक नई कहानी बुनता रहता था ,सच कहूं तो कल्पनाएं ही उसकी दोस्त उसका परिवार उसकी जिंदगी थी।
वो अपनी इस जिंदगी से खुश तो था ,पर उसकी कल्पनाओं की जो कहानी थी ,जिसमे वो एक ऐसे दोस्त की कल्पना कर लेता है ,जो उसकी हकीकत की दुनिया से उसका वास्ता है भी या फिर नही उसको पता ही नही है
उस सरफिरे इंसान को एक दिन ऑनलाइन पोस्ट कर एक कमेंट आता है जिसका जवाब वो सरफिरा इंसान देता है , और फिर वो उसके कमेंट को लाइक करके फिर से उसी लड़की का मैसेज आता है ,और फिर उसी केमेंट ने उससे दोस्ती करा दी ,वो सरफिरा इंसान अपनी जिंदगी में पहली बार किसी को दोस्त बनाया था ,वो वो भी ऑनलाइन ,और ऑनलाइन भी इसलिए क्योंकि इससे उनका मिलना नामुमकिन सा रहेगा ,और सिर्फ बातो से उनकी दोस्ती बनी रहेगी ।
पर लड़की के आते ही उस सरफिरे इंसान की जैसे जिंदगी ही बदल गई थी वो अपनी कल्पनाओं की दुनिया से बाहर आने लगा था ,उस सरफिरे इंसान को उस लड़की की दोस्ती बहुत पसंद आई थी ,उनकी दोस्ती ने उस सरफिरे इंसान को एक आम इंसान बना दिया जो की हमेशा हंसता रहता है ,और उसके आते ही उसने ये जाना की लोगो से दोस्ती करना और किसी की बात सुनना कितना अच्छा लगता है ,
लोगो के साथ थोड़ा सा वक्त बिताने पर कितना सुकून मिलता है ,उसको जिस अकेलेपन में रहना पसंद था आज उसे अकेलेपन से डर लगने लगा था ,उसकी दोस्ती ने सच में बहुत कुछ बदल दिया था उसकी जिंदगी में ,पर फिर उस सरफिरे इंसान की दोस्त की कुछ और ऑफलाइन दोस्त बन गई और फिर वो धीरे धीरे अपने उस ऑनलाइन सरफिरे दोस्त को भूलने लगी थी ,
वो सरफिरा इंसान बहुत कोशिश करता की उसकी दोस्त वापस वैसी हो जाए जैसे पहले हुआ करती थी ,इसमें करीब तीन साल तक उसका इंतजार किया की कब वो उसे एक बार फिर से पहले की तरह बात करे ,पर वो इंतजार सिर्फ इंतजार ही रह गया था ,और फिर कुछ समय बाद वो सरफिरा इंसान पहले की तरह होने लगा था ,और अब वो उस दोस्त को भी एक अपनी कल्पना मानने लगा था ,उस दोस्त की हर बात उसके साथ बीते हर लम्हे को वो अपनी कल्पना मानता रहा , उसकी कल्पना इतनी बढ़ गई थी की उस दोस्त की पुराने चैट को भी अपनी कल्पना मान लेता है और इस तरफ से एक सरफिरा इंसान फिर से सरफिरा बन गया और वो आज जो की पहले से इतने सवालों के बीच जिंदगी गुजार रहा था ,अब उसके उन सवालों में एक और सवाल शामिल हो गया था की क्या उसकी ऑनलाइन वाली दोस्त सच में थी या फिर ये उसकी सिर्फ कल्पना थी ।
.......सरफिरा इंसान कौन था , कौन था जिसने इस सरफिरे इंसान की जिंदगी को इस तरह से बयां कर दिया था , उस सरफिरे इंसान की कहानी उसकी कल्पना सिर्फ उस सरफिरे इंसान को ही पता थी ,तो फिर उसकी ये कहानी मुझे कैसे पता .....
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© Nishu