...

10 views

आज का भगवद चिंतन।
हम सभी भगवान की माया के बन्धन में बंधे है।और प्रारब्ध कर्मफल भोगने के लिये ही यहां आए है।अगर बंधन से छूटना है तो उनके पास जाओ जो स्वयं सांसारिक कर्म-भोग, जन्म-मरण के बंधनों से छूटे हैं। ऐसे निर्बन्ध ब्रह्मवेत्ता और कर्म-बंधनों से छुड़ाने वाले संसार में केवल एक सदगुरु ही होते हैं। जिनकी सेवा करके ही इस संसार के आवा-गमन से मुक्ति सम्भव है.। पढिये कथा किसी राजा ने संत कबीर जी से प्रार्थना की* किः "आप कृपा करके मुझे संसार बन्धन से छुड़ाओ।"
कबीर जी ने कहाः "आप तो धार्मिक...