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मानव धर्म
इतिहास के पन्नो को देखो पलटकर
भविष्य वर्तमान से सुंदर होगा

अध्यात्म की दृष्टि से न देखो चलेगा नैतिकता के अनुरूप पढ़े अच्छा लगेगा

धर्म मजहब की बात यहाँ नहीं होगी
मानव धर्म का उल्लेख होगा

मैं बात कर रहा हूं गीता की

पढ़कर आंनदित हुआ लगा जैसे मैं किसी बंधन से मुक्त हो गया

कृष्ण हिंदुओ के आराध्य हैं

उनकी वाणी गीता है

अगर मोह के बंधन से निकल कर हम परमानंद को पराप्त करते हैं

तो गीता ज्ञान है


तर्क बहुत है महसूस करने को
साधन बहुत है मन को खुश करने को

तो गीता ही क्यों ?

गीता में कर्म को प्रधान माना गया है
मानवधर्म का वर्णन है

एक राम नाम का व्यक्ति जो रोज खाने पीने की...