करतब
कुछ पाने के लिए कुछ कर गुजरना पड़ता है
पीछे रह जाता वो शख्स ज़ो खतरों से डरता है
दो जुन की रोटी तो थोड़ी मेहनत से हो जाये नसीब
सोचा जो कुछ बड़ा तूने तो करतब दिखाना पड़ता हैं
है बहुत मुसाफिर...
पीछे रह जाता वो शख्स ज़ो खतरों से डरता है
दो जुन की रोटी तो थोड़ी मेहनत से हो जाये नसीब
सोचा जो कुछ बड़ा तूने तो करतब दिखाना पड़ता हैं
है बहुत मुसाफिर...