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प्यार की जीत।
राम और कुमार दोनों ही भाई थे और कमाल की बात कि दोनों ही जुड़वां पैदा हुए थे। राम देखने में बहुत ही आकर्षक और मृदुल व्यवहार वाला इंसान था और कुमार सुंदर तो बहुत ही था पर बुरा, लालची, घमंडी और ईर्ष्या करने वाला इंसान के भेष में जैसे शैतान ही तो था। दोनों भाईयों में जमीन आसमान का अंतर था। दोनों भाई साथ साथ स्कूल में और कॉलेज में जाते थे। 

राम बहुत ही होनहार बच्चा था और वो पढ़ाई-लिखाई में अव्वल आता था। कुमार बहुत ही ज़्यादा नालायक आलसी और कामचोर था।  राम हर साल कक्षा में अव्वल आता था और कुमार बस जैसे तैसे पास हो जाता था। कभी कभी तो नकल के सहारे और कभी कभी मास्टरों की चापलूसी और खुशामद करके पास हो जाता था। 

राम और कुमार के पिता जी का नाम राहुल कोहली और मां का नाम सलोनी कोहली था। राहुल और सलोनी भी अपने दोनों बच्चों से बहुत प्यार करते थे। बचपन में एक बार कुमार ने राम को छत पर खेलते खेलते धक्का दे दिया था और राम के सिर पर गंभीर चोट आई थी। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था और फ़िर राहुल और सलोनी ने मंदिर जाकर दुआएँ माँगी थी और राम की जान बचा गई थी। 

राम के लिए कोई भी तोहफा या नये कपड़े या जूते-चप्पल आदि कुछ भी आते तो कुमार जिद करके ले लेता था। बचपन से आज जब दोनों ही जवान हो चुके थे तो जो चीज कुमार को पसंद आ जाती थी, वो उसे राम से ले लिया करता था। राम भी ख़ुशी ख़ुशी दे दिया करता था। 

एक दिन कॉलेज में दोनों के फाइनल पेपर चल रहे थे। राम...