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School Life: Turning My Worst Moments into Strength
"सबसे ज़्यादा भय करने वाले ही सबसे ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं। एक विचार साझा करता हूँ, मैं स्कूल में बहुत बुली हुआ था। क्योंकि मैं शांत और मासूम स्वभाव का था। आप मुझे एक तरह से Introverted कह सकते हैं। एक दिन हद ही हो गई, कुछ लड़कियाँ भी मेरे उन दोस्तों के साथ मिलकर मेरा बहुत मज़ाक उड़ाने लगीं, रुलाया और वो सब हँस-हँसकर मज़े भी ले रहे थे। उस दिन मेरा धैर्य टूटा क्यों की Opposite gender के सामने चाहे लड़का हो चाहे लड़की बैजती ज्यादा Feel होता है। उस दिन मेरे अंदर से एक भारी आवाज़ निकली। उस दिन सब डर गए। क्यों की कोई भी Expect नहीं कर पा रहा था कि एक शांत रहने वाला एक सरल लड़का जो कुछ नहीं बोल पाता सबके सामने उसके आंखों में आज डर नहीं था। वह आज आंखों में आंखें डाल कर बात कर रहा था बिना किसी झिझक के। धीरे-धीरे मैंने अपनी पर्सनालिटी को सुधारा कुछ नई Skill बगेरा सीखा और खुदको सुधारा।और उस दिन से मेरा डर मेरा ताकत बन गया। उस दिन एक बात समझ आई कि डर तब खत्म होता है जब आपकी आँखों में खुद को और अपनी आत्म-सम्मान को बचाने का जज़्बा होता है। आज उस Moment के बारे में याद करके हंसी आती है। वे लोग भी आज मेरे अच्छे दोस्त है। पर आज तक किसी लड़की को न कभी Comment पास किया है और न ही किसी को Bully किया है। मेरा अतीत ऐसा करने से मुझे रोकता है। क्यों कि मैं भी कभी Bully हुआ करता था। मेरे विचार और मेरा संस्कार किसी को नीचा दिखाने और किसी के बारे में सही- गलत के Openion देने कि शख्त खिलाफ है। हर कोई अपने अपने Field में Perfect हैं। मैं कौन होता हूं उन्हें Judge करने वाला। क्यों कि "NO ONE IS PERFECT IN THIS WORLD"। शायद ये बात सबको समझ आ पाती तो दुनिया कितनी सुंदर और हसीन होती।


© Hiten Biswal