कर्प्यू
whtsup का मेसेज प्रसारित हो चुका था।और समाज में भगदड़ मच गई थोड़े ही देर , में दंगा हो गया ।जो भारत के लिए कुछ विशेष नहीं है। पुलिस तैनात हो गई, जो हर वक़्त होती है। और धारा १४४लग गई संचार बंदी,हर मोहला अब सुनसान हो गया था । पर प्रेम करने वाले थोड़ी ही दंगे फसाद से डरे, स्नेहा पीछे देखते हूं डरे सेहम आ गई और विजय उसकी राह तक रहा था ।
आकर स्नेहा ने उसको गले लगाया ।दोनों का घर कुछ खास दूर नहीं था, पर करप्यू के वजह थोड़ी कसरत हो चुकी थी।आज विजय को कुछ ध्यान नहीं था। वह स्नेहा से आज कुछ और ही मांग कर रहा था। पर स्नेहा उसे आपनी बातो फुसला रही थी।
स्नेहा ने कहा"विजय में यह कभी सोच भी नहीं सकती,के में तुमसे इस तरह करू,"
विजय" में कहा गलत बोल रहा हूं affair में तो सब चलता है"
स्नेहा "तो मेरे घर में जा के शादी की बात करो,शादी करो और जो करना हैं वह करो,
विजय"अच्छा मुझे सेक्स करने के लिए तुमसे शादी करनी पड़ेगी"
स्नेहा"तो क्या इरादा है तुम्हारा "स्नेहा गुस्से में आकर बोल गई
विजय को गुस्सा आया वह गालियां देने लग गया
"तू तो हलकी जात की है, औकात भूल मत शुकर मना मुझे तू पसंद आगई और मुझे तू कुछ दे गी नहीं तो इस रिश्ते का क्या फायदा,तुझसे शादी करूंगा तो मुझे घर वाले निकल दे गें गांव से बाहर"
विजय का...
आकर स्नेहा ने उसको गले लगाया ।दोनों का घर कुछ खास दूर नहीं था, पर करप्यू के वजह थोड़ी कसरत हो चुकी थी।आज विजय को कुछ ध्यान नहीं था। वह स्नेहा से आज कुछ और ही मांग कर रहा था। पर स्नेहा उसे आपनी बातो फुसला रही थी।
स्नेहा ने कहा"विजय में यह कभी सोच भी नहीं सकती,के में तुमसे इस तरह करू,"
विजय" में कहा गलत बोल रहा हूं affair में तो सब चलता है"
स्नेहा "तो मेरे घर में जा के शादी की बात करो,शादी करो और जो करना हैं वह करो,
विजय"अच्छा मुझे सेक्स करने के लिए तुमसे शादी करनी पड़ेगी"
स्नेहा"तो क्या इरादा है तुम्हारा "स्नेहा गुस्से में आकर बोल गई
विजय को गुस्सा आया वह गालियां देने लग गया
"तू तो हलकी जात की है, औकात भूल मत शुकर मना मुझे तू पसंद आगई और मुझे तू कुछ दे गी नहीं तो इस रिश्ते का क्या फायदा,तुझसे शादी करूंगा तो मुझे घर वाले निकल दे गें गांव से बाहर"
विजय का...