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निक्कू chapter no.7
एक सुबह की पहली किरन परते ही निक्कू को सुप्रभात का मैसेज मैं करता था और ये भी एक सच है कि उसके साथ मेरी सुबह अच्छी होती थी,उससे बातें करना मुझे बहोत अच्छा लगता था,सभी इंसान के जीवन मे एक इंसान ऐसा होता है जिसे वो अपनी सारी परेशानी, सारी बातें उसे बताता चाहता हो,निक्कू मेरे जीवन की वही लड़की थी।
निक्कू कैसी हो तुम,निक्कू बोली मैं ठीक हु तुम कैसे हो,कॉलेज आ रहे हो न,मैं बोला हा क्यों नही,क्यों तुम नही आ रही हो क्या?
निक्कू बोली ह मैं भी आ रही हु अच्छा बाद मैं बात करती हूं अभी नास्ता करने जाना है । कॉलेज मैं निक्कू सबसे आगे बैठती थी और मैं सबसे पीछे,अपने दोस्तो के साथ,मैं उसके तरफ देखता रहता था पीछे से ओर कभी कभी ऐसा होता था कि वो अचानक मुझे देख लेती थी ,ओर मेरी आँखें मेरी पलके झुक जाती थी,ओर मैं ऐसा दिखावा करता कि मैं उसके तरफ देख ही नही रहा हु पर ऐसा नही होता था मैं उसके तरफ ही देखता रहता था, कभी कभी जब मेरा मन न लगता था पढ़ने मैं ऐसा बहोत बार होता है कि जब शिक्षक पढ़ाते है तो हमारा मन नही लगता हो या कहि ओर चला जाए,ये मेरे साथ ही नही मेरे अधिकतर दोस्त के साथ भी ऐसा ही होता था,ओर जब मेरे साथ होता था तो मैं निक्कू का नाम लिखता रहता था डेस्क पर ओर नही तो उसकी तस्वीर बनाने की कोशिश करता रहता था
इसी प कुछ अर्ज करता हु:--
की कॉलेज के डेस्क पे नाम तुम्हारा लिखना
ये शायद नादानी होगी तुम्हारे लिये
की कॉलेज के फर्स्ट ईयर के लास्ट बेंच पर नाम तुम्हारा लिखना,
ये नादानी होगी तुम्हारे लिए,
पर हम तो अपने प्यार का पैगाम वहा छोर आए
की हम तो प्यार का पैगाम वहा छोर आए ओर दिल के बीच से तीर निकाला आधे हिस्से मैं तुम्हारा आधे मैं अपना नाम भी जोड़ आए।।

जब हम लैब मैं होते थे तब भी हम आमने सामने नही बात कर पाते थे,एक दिन की बात है मैंने निक्कू से बोला कि निक्कू तुम मेरे साथ प्रैक्टिकल क्यों नही करती हो जबकि हमारा रोल क्रमांक आगे पीछे ही था ,उसने हँसते हुए जबाब दिया कि तुम कर पाओगे मेरे साथ प्रैक्टिकल ,
मैंने बोला नही यार मुझसे नही हो पायेगा ,
इसलिए मैं ज्यादा प्रैक्टिकल अपने सबसे अच्छा दोस्त और रूममेट के साथ करता था एक वो भी मेरे जीवन का हिस्सा था,निक्कू के बाद एक वो भी था जो मेरी सबसे ज्यादा मदद करता था चाहे प्प्रैक्टिकल या जिंदगी हो वो हर समय मेरे साथ खड़ा रहता था,उसके साथ ऐसा था कि मैं अपने सारा दुख भूल जाता था, यही बात एक दिन मैं निक्कू को बता रहा था कि तुम दोनों अगर मेरे जीवन मैं हो ये 4 साल अच्छे से कट जाएंगे।
अच्छा निक्कू सुनो
कुछ अर्ज कर रहा हु
लोग कहते है मोहब्बत धोका है
पर ऐसा नही है मेरे दोस्त
प्यार तो प्यार है
करने से किसने रोका है।
निक्कू बोली वाह बहोत अच्छा
मैंने एक दिन पूरा दिन निक्कू से बात नही किया फिर वो रात को बहोत गुस्सा थी ,निक्कू बोली गुस्से मैं क्या हुआ है तुम्हे बोलों अच्छा नही बोलना है तो ठीक है मत बोलो मैंने बहोत देर बाद निक्कू को जबाव दिया कुछ नही यार कुछ नही हुआ है बस थोड़ा जलन हो रही है ओर कुछ नही,
पर क्या बोलू निक्कू ये भी सच है कि ,
ह होती है जलन मुझे ओर होना भी चाहये,जो मेरा है तो सिर्फ मेरा है मैं नही चाहता जैसे मैं तुम्हे देखता हूं वेसे कोई और देखे मैं जैसे बात करता हु कोई और करे मुझे थोड़ा दुख होता है जब तुम लैब मैं मुस्कुराते हुए उससे बात करती हो,जब तुम उसकी तारीफ करती हो मुझे बहोत गुस्सा आता है,निक्कू हो जाता है जलन किसका बस चलता है इसपे,न जाने क्यों तुम किसी ओर की होकर भी अपनी सी लगती हो,तुम महज एक दोस्त हो फिर भी न जाने क्यों मैं जलता हु
चाय के टपरे पे जब तुम शर्मा कर उससे बात करती हो मेरा दिल जोड़ो से धड़कता है मुझे महसूस होता है कि तुम मेरी नहि हो,मैं हमेशा से चाहता था कि जो सिर्फ मेरा ह वो मेरा बनकर रहे किसी ओर का नही मेरा प्यार सिर्फ मेरा है तो इसको क्यों बांट दे ,बस निक्कू बस यही सब मन मे अजीबोगरीब ख्याल आते है मैं जानता हूं तुम नही हो सकती क्योंकि तुम मेरी एक अच्छी दोस्त हो पर जलन होता है अब क्या कर सकते है
निक्कू बोली तुम्हे किससे जलन हो रही है?
बताओगे क्यों?फिर कुछ देर बाद उसे जबाब दिया की तुम्हारे रिसव से निक्कू हँसने लगी
वो बोली जलन मत करो यार किसी से जलना नही चाहये,अच्छा सुनो मैं हु न तुम्हारे पास तुम्हारे पास फिर क्यों चिंता करते हो,मैंने बोला अच्छा सुनो निक्कू बोली क्या बोलो?बोलो न तुम बोलते भी नही है जो भी है मुझे बताया करो अब बताओगे क्या हुआ है बोलो न बताओ जल्दी मुझे जाना भी है,मैंने उसे बोला पर तुम वादा करो कि किसी से भी ये बात तुम नही बोलोगी,निक्कू बोली ठीक है वादा करती हूं नही बोलूंगी किसी से भी पर अब बोलो भी,मैं बोला पता नही क्या हो गया है मुझे,तुम जब भी अपने रिसव से बात करती हो मुझे बहोत गुस्सा आता है तुम जब भी उसके बारे मे बात करती हो अजीब सा लगता है
ओर यही कारण था निक्कू की आज दिन भर तुमसे मैंने बातें नही की,तुम्हे पूरा इग्नोर करने की कोशिश की,निक्कू बोली अच्छा तो ये बात है
देख तू हमसे नही बात किया तो भी मैंने तुम्हे पहले मैसेज किया।।
मैंने बोला ह पता है यार
क्या मुझे सच मैं निक्कू से तो प्यार नही हो गया था,पर ये बात निक्कू को नही पता है
ह हो गया था उसी समय ,पर बोल नही सकता था डरता था कही दोस्ती भी न खो दु।।