...

17 views

Do dilon kee daastaan

Do dilon kwe daastaan, कहते हैं प्यार अमर होता है। कितनी भी दूर हो दोनों वह दिल के सबसे करीब होता है। ऐसी ही दास्तान लेकर आई हूं मैं...👫


एक लड़की जिसका नाम आंचल है। जो झांसी की रहने वाली है। जिसके घर पर उसके पिताजी दीपक गुप्ता, मां लता गुप्ता और बड़ा भाई दर्शन गुप्ता है।


आंचल जब छोटी थी तो उसकी हरकतें और बच्चों जैसी नहीं थी। उसका व्यवहार, उसकी हरकतें और सभी बच्चों से हटकर थी, अलग थी। परिवार में जो और सभी पसंद करते आंचल को वह पसंद ही नहीं आता। उसे तो अलग ही हटकर पसंद आता। उसमें कई सारी कलाएं थी। जिसको वह खुद नहीं जानती थी।


जब आंचल थोड़ी बड़ी हुई करीब 10, 12 साल की। तो वह कहती थी। मुझे यह सीखना है, मुझे वह सीखना है, मुझे पेंटिंग करनी है, मुझे सिंगिंग सीखनी है, यह करना है, वह बनना है... जिसको घरवाले अक्सर नजर अंदाज कर देते थे।


आंचल के घर बाले बेटी - बेटे में काफी अंतर करते थे। वह अपने बेटे की इच्छाओं को तो पूरा करते थे लेकिन बेटी को इतना महत्व नहीं देते थे। ऐसे ही चलते - चलते वह 17 वर्ष की हो गई और काफी समझदार भी हो गई। उसके घर वाले उस पर बहुत पाबंदियां लगाया करते। जिसके कारण वह अक्सर अपने घर में ही रहती।


कुछ महीनों बाद…


आंचल को एक सपना आया। जिसमें उसने एक लड़के को देखा। जिसको देखकर आंचल को ऐसा लगा जैसे उसका बहुत गहरा रिश्ता हो उस लड़के से शायद एक लाइफ पार्टनर का !


सपना देख कर अचानक उसकी आंख खुल गई और फिर नींद नहीं आई। वह हैरान थी कि अचानक उसके सपने में ऐसा दृश्य आया। वह काफी देर तक सोचती रही आखिर क्यों ऐसा हुआ ?, क्यों ऐसा सपना आया ? पर वह नहीं समझ पाई।


कुछ दिनों के बाद अचानक आंचल की तबीयत बिगड़ी। उसे अचानक से अपने अंदर कमजोरी सी महसूस होने लगी। यह कमजोरी वह तो महसूस कर पा रही थी पर उसके घर वाले नहीं समझ पा रहे थे। उसके घर वाले काफी भेदभाव करते थे। जिसके कारण अपने घर वालों से खुल कर बात नहीं कर पा रही थी।


कई दिनों से आंचल को खांसी हो रही थी लेकिन कोई भी उसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा था। उसे गले में परेशानी हो रही थी। कुछ दिन तकलीफ अचानक से बढ़ जाती तो कभी अचानक से ठीक हो जाती। ऐसे ही चलते - चलते उसे 6 महीने हो गए पर घर वालों ने जरा भी ध्यान नहीं दिया।


जब वह कहती तभी घर वाले उससे गला साफ करने और आराम करने के लिए कह देते... पर उसके लिए यह काफी नहीं था। वह खासते - खासते बहुत थक जाती और कमजोरी महसूस करने लगती। ऐसे ही करते करते कुछ और दिन निकल गए...


धीरे-धीरे उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी। फिर तब जाकर घर वालों ने उसके इलाज के लिए सोचा उसे डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसे तो गले का कैंसर है। यह सुनकर आंचल घबरा गई और अपने होश खो बैठी, वह बेहोश हो गई।


डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयां दी। जिससे कि उसका गला ठीक हो सके लेकिन डॉक्टर भी सही से बता नहीं रहे थे कि उसकी यह बीमारी कैसे ठीक होगी।


उसने दवाइयाँ ली लेकिन जब तक वह दवाई लेती तब तक उसे आराम मिलता। उसके बाद फिर वैसी ही हालत हो जाती। इसी हालत में उसने अपने कॉलेज के एग्जाम दिए और फिर कुछ दिन बाद उसे आराम नहीं मिला तो घरवाले उसे दूसरे शहर अच्छे डॉक्टर के पास दिखाने ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे जल्दी ऑपरेशन कराने के लिए कहा। जिसका बहुत खर्चा था। घरवालों ने उसकी हालत को देखते हुए जल्दी ऑपरेशन करवाया। कुछ दिनों बाद उसका जन्मदिन आया। अब वह पूरी 20 साल की हो चुकी थी।


अभी भी घर वालों का व्यवहार आंचल के साथ वैसा ही था जैसा पहले। आंचल को ऑपरेशन कराएं अभी कुछ दिन ही हुए थे। जिसके पिताजी उन्हें बहुत गुस्सा आता था और आंचल लड़की है इसके कारण उन्हें और गुस्सा आता था। वह छोटी-छोटी बात पर उस पर चिल्लाते हैं, उसकी गलतियां निकालते, बिना बात के उसे गलत ठहराते।


ऐसे व्यवहार के चलते, वह तंग आ गई थी। अपने जीवन में उसे कोई अपना महसूस नहीं हो रहा था। एक बार तो उसने अपने हालातो से हारकर आत्महत्या करने की सोची लेकिन जब वह सपने के बारे में सोचती तो एक अलग ही दृश्य मे खो जाती। जब भी वह अपने सपने के बारे में सोचती तो उसे बहुत शान्ति मिलती, सुकून मिलता जो उसके निजी जीवन से अलग था। यही सपना देखकर वह सोचती कि कभी तो मेरी जिंदगी में ऐसा दिन आएगा। जब में खुशी से जी पाउगी...


कुछ दिन बाद उसकी हालत थोड़ी ठीक हुई तो उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया उसने ऑडिशन बगैरा के लिए सोचा। उसे एक्टिंग का बहुत शौक था। वह कॉलेज में प्रैक्टिस करती जिसके बारे में घर वालों को कुछ पता नहीं था।


ऐसे करके उसने B.A. कंप्लीट कर, M. A. भी कंप्लीट कर ली और कॉलेज मैं एक्टिंग के लिए प्रैक्टिस भी कर ली। उसने ऑडिशन देना शुरू किया। अचानक उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई। जिसका नाम मयंक था। पहली नजर में आंचल को उस लड़के को देखकर ऐसा लगा जैसे कुछ हो सा गया हो उसे अपना सपना याद आया। वह लड़का आंचल को बिल्कुल अपने सपने की तरह लगा।


दोनों एक दूसरे को बहुत जल्दी समझ गए। वह लड़का झांसी का ही था लेकिन वह एक सीरियल में काम कर रहा था। जिसकी शूटिंग के लिए उसे मुंबई जाना था। वह कुछ दिनों में निकलने वाला था। कुछ दिन मिलने के बाद दोनों ने शादी करने का सोचा। लड़के ने अपने घर वालों को आंचल के बारे में बताया तो घर वाले तैयार हो गए।




वह आंचल के घर पहुंचे। उन्होंने शादी की बात की क्योंकि लड़के वाले खुद लड़की के लिए रिश्ता लेकर आए थे तो लड़की वालों ने शादी के लिए मना नहीं किया और जल्द ही आंचल की शादी मयंक के साथ हो गई। दोनों खुशी - खुशी मुंबई में रहने लगे। आंचल और मयंक दोनों सीरियल में काम करने लगे थे।


दोनों अपना जीवन उस तरीके से बुनने लगे जैसा वह व्यतीत करना चाहते थे। वह अपना जीवन अच्छे से बिताने लगे।


*****---*****---*****---*****---*****

प्यार बाकई में एक अनमोल एहसास हैं । जो कभी मिटाया नही जा सकता। यदी आप उससे सच्चा प्यार करते हो तो वो कभी मिट नही सकता।

प्यार सात जन्मों का रिश्ता है। जिसे कोई तोड़ नहीं सकता जो जिसको प्यार करता है। वह उसे मिल ही जाता है।

✍️ अनुभा पुरोहित
© All Rights Reserved