...

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इश्क़ एक गुनाह है।
Part 8.

साहिल रेस्टोरेंट के बाहर गाड़ी रोकता है गाड़ी से सब उतरते हैं तो देखते हैं सामने एक खूबसूरत नौजवान खड़ा है साहिल से रेहान अस्सलामालेकुम भाई मैं रेहान साहिल वालेकुम अस्सलाम कैसे हैं? और आपकी जॉब कैसी चल रही है?  रेहान जी अल्लाह का करम है। कशिश सफेद पजामी सूट में कहर बरसा रही थी रेहान कशिश को देखते ही रह जाता है उसकी निगाह कशिश पर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी तभी मरियम और सकीना रेहान भाई अप्पी आपसे ही मिलने आई हैं। रेहान झेंप जाता है और फिर सब अंदर जाते हैं और साहिल सकीना मरियम अलग टेबल पर बैठ जाते हैं और रेहान और कशिश को अलग टेबल पर बैठने को कहते हैं कशिश बहुत घबराई और सहमी हुई थी।

रेहान उससे कुछ पूछता तो वह हां या न में ही जवाब देती रेहान बुरा न मानें तो मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं अल्लाह ने आपको बहुत खूबसूरत बनाया है मैं बहुत खुश किस्मत हूं कि आपसे मेरी शादी होने वाली है। कशिश कुछ बोली नहीं ख़ामोश रही रेहान आप को कुछ नहीं पूछना है मुझसे कशिश थी खाला ने आपके बारे में बताया था अब मैं आपसे क्या पूछूं‌। रेहान लेकिन मैं आपसे मिलने आया हूं आपके जहन में कोई सवाल हो तो आप पूछ सकती हैं। कशिश ख़ामोश रही रेहान आपकी शादी आपकी मर्जी से तो हो रही है न कशिश जी रेहान आपको अगर कोई और पसंद हो तो आप हमें बता सकती हैं। कशिश नहीं ऐसी कोई बात नहीं है कशिश का दिल अंदर से रो रहा था कि वह क्या बताए जिसको उसने अपने दिल में जगह दी वह तो उसके साथ एक भद्दा मज़ाक कर रहा था। साहिल लगातार कशिश को देख रहा था कि वह कितनी परेशान है और दिल ही दिल में खुद को कोस रहा था कि ये सब मेरे कर्मों की सजा है जो कशिश को मिल रही है वरना वह तो बहुत मासूम है। रेहान अच्छा आपको क्या क्या पसंद है कशिश जी किताबों से बहुत लगाव है हमें। रेहान अरे वाह आपकी और हमारी च्वाइस तो बहुत मिलती है।

अमेरिका में जॉब से जब भी वक़्त मिलता है तो मैं किताबों में खो जाता हूं। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? कशिश जी जी मैं भी किताबों में खो जाती हूं। कहते ही कशिश के खूबसूरत चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ जाती है। कशिश का चेहरा खिल जाता है रेहान अल्लाह का शुक्र है कि आपके चेहरे पर हंसी तो आई। रेहान काफ़ी देर तक बातें करता रहा कशिश जी अब चलना चाहिए काफ़ी देर हो चुकी है। रेहान जी फिर कब मुलाकात होगी? कशिश जी आपने कुछ कहा रेहान कुछ नहीं। साहिल बड़ी गौर से दोनों को देख रहा था और अंदर ही अंदर उसको जेलैसी हो रही थी। सकीना अप्पी चलें कशिश जी चलिए रेहान साहिल से आपकी बहन बहुत खूबसूरत संजीदा और ज़हीन हैं। बहुत कम बोलती हैं सकीना फौरन बोल पड़ती है नहीं नहीं अप्पी बहुत बोलती हैं। आप नये हैं न इसलिए आपसे बात कम की है मरियम आप घर आइएगा अप्पी के हाथ की चाय और बिरयानी बहुत टेस्टी होती है। रेहान इंशा अल्लाह जरुर आऊंगा बिरयानी खाने तब तो साहिल इतनी जल्दी क्या है रेहान भाई सब लोग हंसने लगते हैं सकीना भाई की मज़ाक करने की आदत है। साहिल अच्छा अब हम लोग चलते हैं। रेहान अल्लाह हाफ़िज़ सब लोग गाड़ी में बैठ कर घर की तरफ़ रवाना हो जाते हैं। घर पहुंचते ही शाइस्ता कशिश से रेहान कैसा लगा? कशिश शरमा कर कमरे की तरफ़ चली जाती है। सकीना अम्मी रेहान भाई तो बहुत अच्छे हैं साहिल भाई से भी बहुत अच्छे साहिल अच्छा अभी बताता हूं तुझे मुझ में ही सारे जहां की बुराइयां दिखाई देती हैं भाई अब क्या करुं एक ही भाई दिया है अल्लाह ने मुझे और वह भी इतना ख़राब दोनों एक दूसरे के पीछे भागने लगते हैं साहिल सकीना की बच्ची अभी बताता हूं। तुझे शाइस्ता अरे साहिल सकीना चोट लग जाएगी नरगिस भाभी ये कब बड़े होंगे? शाइस्ता मरियम के आने के बाद दोनों जेठानी और देवरानी हंसने लगती हैं साहिल सकीना के पीछे पीछे भागता है और सकीना कशिश के कमरे में अप्पी बचाओ मुझे भाई से कशिश के पीछे खड़ी हो जाती है साहिल कशिश हटो आज इसे मुझ से कोई नहीं बचा सकता कशिश साहिल छोड़ दें उसे वह आपकी छोटी बहन है साहिल कशिश की ये बात सुन कर रुक जाता है और सकीना मौका पा कर वहां से रफूचक्कर हो जाती है साहिल कशिश मुझे कुछ बात करनी है। कशिश आप जाइए यहां से मुझे अपने कॉलेज का काम करना है आपसे कोई बात नहीं करनी है। साहिल कशिश एक बार मेरी बात सुन लो प्लीज़ कशिश साहिल के पास आती है उसका हाथ पकड़ कर कमरे से बाहर निकाल देती है।

साहिल तुम क्यों इतनी पत्थर दिल हो? कशिश ये आप मुझसे पूछ रहे हैं ये बात आप अपने आपसे पूछिए।

साहिल माना मुझसे ग़लती हुई है लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं है कि तुम मुझे अपनी सफाई देने का एक भी मौका न दो। कशिश आप जाइए यहां से साहिल कशिश प्लीज़ एक बार बात कर लो कशिश नहीं मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है।

कशिश अंदर से कमरा बंद कर लेती है और रोने लगती है या अल्लाह मैंने तो कभी किसी का दिल नहीं दुखाया मैंने तो कभी कुछ नहीं कहा किसी से फिर मेरे साथ ये सब क्यों हुआ? रोते रोते वह सो जाती है। रात में किसी वक़्त उसकी आंख खुलती है वह कमरे का गेट खोलती है तो क्या देखती है? कि रात साहिल उसके कमरे के सामने वाले सोफे पर ही सो गया था। कशिश अंदर कमरे में से चादर लाकर साहिल को उड़ा देती है। जैसे ही वह चादर उड़ाती है तो साहिल नींद में कशिश एक बार मेरी बात सुन लो मैं तुमसे सच में मोहब्बत करता हूं मज़ाक नहीं कर रहा हूं। हां पहले मैंने तुम्हारे साथ मज़ाक किया था लेकिन अब तुम्हें दिल से चाहता हूं और निकाह करना चाहता हूं। कशिश ये सुन कर हैरानी से साहिल को देखने लगती है और थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर वहां से चली जाती है।कि साहिल नींद में भी झूठ बोल रहा है उधर रेहान की अम्मी रेहान से पूछती हैं कि तुम्हें कशिश कैसी लगी? रेहान अम्मी जान आपकी पसंद कभी ख़राब हो सकती है क्या? रेहान की अम्मी तो तुम कहो तो हम अभी शादी की डेट फिक्स्ड कर लें। रेहान अम्मी माफ़ी चाहूंगा अभी नहीं इस बार आऊंगा तब करेंगे इस बार मुझे छुट्टियां कम मिली हैं। आमिर रेहान के अब्बू अच्छा बरखुरदार अभी हम मंगनी कि रस्म तो कर ही सकते हैं रेहान जी अब्बू मुझे भी कशिश से मिलने का दोबारा मौका मिल जाएगा। ये बात कहते ही खुशी से रेहान के गाल सुर्ख हो जाते हैं। आमिर अपनी बेग़म से आज शाम को शाइस्ता भाभी के यहां चलते हैं। रेहान की अम्मी जी बिल्कुल आप ऑफिस से जल्दी घर आ जाइएगा मैं तैयार रहूंगी। रेहान के अब्बू जी। ये कह कर वह ऑफिस निकल जाते हैं। उधर‌ शाइस्ता की देवरानी भी मरियम और साहिल की मंगनी की प्लानिंग में लगी हैं। तभी लुबना आ जाती है अम्मी अभी रुक जाइए अप्पी की मंगनी तो हो जाने दीजिए मरियम की अम्मी तुम अभी छोटी हो  तुम क्या जानो एक मां की फ़िक्र को लुबना जब तुम मेरी जगह आओगी तब तुम्हें मालूम चलेगा तभी लुबना के अब्बू बेग़म तुम क्यों मेरी छोटी बेटी को डांटती रहती हो लुबना अब्बू की लाडली थी और मरियम अपनी अम्मी की।
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