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आज ज्ञान और हम
ध्यान और ज्ञान की कोई उम्र कभी निर्धारित नहीं होती याद करें वह भी कभी कोई एक वक्त था जब सारे अस्त्र शस्त्र एक भक्ति रूपी ज्ञान की धारणता
के द्वारा निष्फल किये जा सकते थे बशर्ते लोगों को यह मालूम भी हो कि अपने शब्द में वह भक्ति कितने गहरे अर्थ समेटे हुए है
जी हां निंसदेह इस एक बहूत ही गहरी विचार धारा को आज बहुत से लोग अपने अनुकूल नहीं समझते जबकि इसमें छुपे ज्ञान की पकड़ और गहराई को सिर्फ़ इच्छा की दृढ़ता और सच्चे गुरु का साथ के द्वारा सिद्ध किया जा सकता है
क्या हो गर सारे राष्ट्र मिलकर जितने भी आविष्कार आज के समय तक किए गये हैं उनके प्रयोग के...