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दो दिलों का प्यार ( भाग - 7 )
डॉक्टर के आने से पहले अंजलि को होश आ जाता है, पर फिर भी वो अच्छा महसूस नही कर रही थी। अंजलि को होश में आता देख प्रेम जोकि उसके पास ही बैठा था वो तुरंत उससे पूछता है, अंजलि क्या तुम ठीक हो ? क्या हो गया था तुम्हे, पहले तक तो ठीक थी..... अदिति भी यही सवाल उससे पूछती है, कि तभी डॉक्टर आ जाते है, वो चेकअप कर उनको बताते है, खाना-पीना ठीक से ना खाने के कारण चक्कर आया है, ज़्यादा घबराने वाली बात नही है। यह कहकर डॉक्टर वहा से चले जाते है, और कुछ दवाइयां अंजलि को दे देते है। अंजलि की तबियत न ठीक होने के कारण प्रेम अंजलि से उसका पता पूछता है जहाँ पर वो रहती है, अंजलि अपना पता बता देती है। प्रेम खुद अंजलि को घर छोड़ने की बात कहता है। यह सुनकर, अदिति गुस्से में वहाँ से तुरंत चली जाती है, और जाते-जाते कहती है, प्रेम में तुमसे कल ऑफिस के समय मिलूंगी, अंजलि जैसे ही कुछ अदिति को कहती वो बिना अंजलि की बात सुने वहा से निकल जाती है, बाहर निकलते ही अदिति अपने मन में कहती है, कि प्रेम अंजलि की कुछ ज़्यादा ही नही फिक्र कर रहा है, अदिति का चेहरा एकदम गुस्से से भर जाता है। वो इसलिए, क्योंकि अदिति ने आज सोच लिया था, कि वो अपनी दिल की बात प्रेम को बता देगी, पर उसकी यह ख्वाहिश पूरी ना हो सकी। प्रेम अंजलि को अपने कार में बैठा देता है, पर अंजलि का चेहरा मायूसी से भरा रहता है। दोनो कार के अंदर बैठे थे.... तभी प्रेम अंजलि को उदास चेहरे में देखता है, उसका मन अच्छा करने के लिए वो थोड़ा funny way में कहता है..... hmm, तो मेरी असिस्टेंट को खाना-पीना नही पसंद, अंजलि उसके तरफ देख के बोलती है, नही सर ऐसी बात नही है। तो कैसी बात है फिर बताओ मुझे ... ? प्रेम पूछता है। पर अंजलि कुछ भी नही कहती, क्योंकि आज वो शर्मिंदा महसूस कर रही थी। प्रेम के सवाल पूछने पर वो समझ जाता है कि अभी उसका मूड बात करने का नही है। फिर वो कुछ नही बोलता। अंजलि का घर आ गया था, वो कार से उतर जाती है, तभी प्रेम भी कार से उतर जाता है अंजलि को छोड़ने। तभी अंजलि कहती है , सॉरी सर। प्रेम पूछता है, किसलिये सॉरी बोल रही हो। अंजलि कहती है, वो आज मेरी तबियत खराब होने के वज़ह से आपकी मीटिंग उन लोगो के साथ अच्छे से नही हो पाई। प्रेम मुस्कुरा कर कहता है, अरे सॉरी वाली कोन सी बात है, मीटिंग अगर आज नही हुई तो किसी और दिन हो जाएगी, इतना ज्यादा मत सोचो।अंजलि के चेहरे पर यह बात सुनते ही एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है। प्रेम अपने कार में बैठ तुरंत अंजलि से कहता है, अपनी तबियत का ध्यान रखो, अगर मन करे तो कल ऑफिस आना, वरना तुम मत आना। अंजली अपना सिर हा में मिलाती है।

To Be Continued......