...

7 views

मैं तो सुसाइड करूँगा!
जीवन और मरण - इन दोनों शब्दों का बहुत महत्व है इस प्रथ्वी पर,
पर हम क्या देख रहे हैँ वर्तमान मैं लोग छोटी छोटी बातों से इन दोनों शब्दों मैं से एक शब्द मरण(आत्महत्या )को चुनते है,
क्या मरने से कोई कार्य हल हुआ है?
मरने (आत्महत्या )से कोई ख़िताब मिला हो?
मरने (आत्महत्या )से आपका कोई महत्व नहीं बनता मरने (आत्महत्या )से मात्र लोग आपको पागल और मानसीक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते हैँ,
लो भाई ये तो निकल लिया,और मरने के कारण तो सुनो
वो मुझे छोड़कर चली गयी अब मेरे जीने का कोई महत्व नहीं,
पर एक सवाल पूछो खुदसे की क्या तुम इस दुनिया मैं उसके लिए प्रकट हुए हो अगर हुए हो तो ज़रा ये भी जानो की वो भी क्या वो भी तुम्हारे लिए आयी है इस जहां मैं? अगर जवाब हाँ मैं मिले तो जो जरूर जल सकते हो और योजनाए बनाओ मरने की पर ऐसा नहीं है!
यहां कोई किसी के लिए नहीं आये सभी का अपना अपना मतलब है इस दुनिया मैं आने का यहां कोई...