कैसा मंजिल हासिल किया!
एक लड़का था।हमेशा उसे दर्द का सामना करना पड़ता था।सब उसे सिर्फ मदद के लिया बुलाते थे लेकिन जब वह मुसीबत में होता था कोई भी मदद नहीं करता।वह हमेशा अकेला रहता था।उसका कोई दोस्त नहीं था जो उसे मदद करे।समय ऐसा वेस्ट करता जैसे अकेलापन ने उसे खरीद लिया।जो भी उसे मिलता था रास्ते में सब सिर्फ उससे मदद मांगते थे।एक दिन वह मुसीबत में था लेकिन किसी ने भी उसका मदद नहीं किया।
एक बार उसके दोस्त ने उसे मदद के लिया बुलाया उसने मदद किया।लेकिन सिर्फ नाम के दोस्त थे।कोई अच्छा दोस्त नहीं था।लेकिन वह निकम्मा था वह समझ नहीं पाया कि उसे सिर्फ use किया जा रहा है।कुछ ऐसे भी दोस्त थे जो उसे समझाते थे लेकिन वह किसी का सुनता ही नहीं।लेकिन जो समझाते थे उन सब से उसका रिश्ता बहुत अच्छा था जब स्कूल के...
एक बार उसके दोस्त ने उसे मदद के लिया बुलाया उसने मदद किया।लेकिन सिर्फ नाम के दोस्त थे।कोई अच्छा दोस्त नहीं था।लेकिन वह निकम्मा था वह समझ नहीं पाया कि उसे सिर्फ use किया जा रहा है।कुछ ऐसे भी दोस्त थे जो उसे समझाते थे लेकिन वह किसी का सुनता ही नहीं।लेकिन जो समझाते थे उन सब से उसका रिश्ता बहुत अच्छा था जब स्कूल के...