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अमोल
आज गाँव में सब तरफ एक ही चर्चा हो रही थी। देखो लक्ष्मी बाई के बेटे का तलाक हो गया। कितना अच्छा लडका है। अभी छः महीने पहले ही तो शादी हुई थी। लडकी भी तो अच्छे घर की है।
लक्ष्मी बाई के दो बेटे हैं, दोनों ने दसवीं तक की पढाई की, बडा लडका शहर चला गया, वहाँ ड्राइवर की नौकरी करने लगा। छोटा गाँव मे ही रहकर माँ के साथ खेती बाडी देखने लगा। दोनों बच्चों को माँ ने मेहनत करके बडा किया। छोटा लडका तीन साल का था जब उसके पति की मृत्यु सफेद पीलिए से हुई थी।
कितनी कठिनाइयों से बेटों को गाँव वालों की मदद से बडा किया था। बडे लडके ने जैसे ही दसवीं की परिक्षा दी, लक्ष्मी बाई की बहन अपने साथ ले गई। वहाँ एक रईस घर में वह काम करने लगा। वहीं उनके बडे लडके ने उसे गाडी चलाना सिखाया।
जैसे ही अमोल उन्नीस साल का हुआ उसने अपने बल पर लाइसेंस ले लिया और उसी परिवार की गाडियाँ चलाने लगा। अमोल अब पच्चीस साल का था। इतने वर्षों में उसने माँ के कर्जे फेड दिए फिर और दो एण्ड खेत भी खरीद लिया। उसकी ईमानदारी से रईस परिवार भी खुश था।
छः महीने पहले उसकी दूसरी मौसी याने लक्ष्मी बाई की दूसरी बहन ने उसके लिए एक रिश्ता बताया। लोग पडोस के गाँववाले ही थे। गाँव की रस्मों रिवाजों से शादी भी हो गई। अमोल पत्नी को लेकर शहर चला गया। कुछ दिन बाद उसने भाई को भी बुलवा लिया। तीनों एक साथ रहने लगे।
छोटे भाई अनिल ने एक सब्जी की गाडी लगाई। और वह दिन भर सब्जी बेचकर आता था। अमोल जब मालिक को कहीं जाना होता वह गाडी लेकर जाता था। उसकी पत्नी घर का सारा काम कर लेती। समय पर दोनों को भोजन कराती। सब कुछ सही चल रहा था।
फिर राखी पर वह मायके गई। उसे लेने अमोल गया। तब उसके घर वालों ने पंचायत बिठाई। अमोल हैरान रह गया। ये क्या हो रहा था? उसने पत्नी से पूछा। तुम्हे पता नही है क्या? पत्नी ने पलटकर सवाल किया। क्या? अमोल परेशान हो गया। माँ और भाई भी आ गए थे।
गाँव वालों के सामने लडकी के पिता ने अपनी बेटी का फोन दिखाया और कहा देखिये इस लडके की करतूत। उसमें उसके छोटे भाई के हैरान करने वाले मेसेज थे। देखकर सब हैरान थे। 'शुरूआत भाभी ने ही की थी पहले वे मझे भेजती थी' सुनकर अमोल हैरान हो गया। ये क्या हो रहा है? मेरे नाक के के नीचे ये गुल खिला रहे थे दोनों।
उसने पत्नी को गालियाँ देना शुरू कर दिया, साले ने उसे दो-चार थप्पड जड दिए। अब अमोल के बस में कुछ नही था, उसने कहा' मै कोर्ट जाऊँगा और इसे तलाक दूँगा'। सुनकर पंचायत के सदस्यों ने कहा तुमने एक नाबालिग से शादी की है, तुम कोर्ट नही जा सकते, जो भी फैसला करना है यहीं करो''।
अमोल अब परेशान परेशान था, वह किसी को कह ही नही पा रहा था। न भाई से बात करता न माँ से। वह चुपचाप शहर चला गया।गाँव वाले उसे बेचारगी से देखने लगे। वह हँसता-खेलता अमोल पता नही कहाँ खो गया था।