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मोहब्बत इबादत है...! (part - 2)
अब तो कायनात और भी परेशान हो गई।रात भर सोचती रही। तीन दिन बाद फिर फोन आया तो सारा मामला सामने आया। आलिया की मासी (खाला) का बेटा कायनात को स्कूल के वक्त से ही पसंद करता था। ये पसंद प्यार में बदल गई पर कभी कायनात को कहने की हिम्मत नहीं हुई उसकी।
आलिया अपने दोस्त नुमा भाई के दिल की बात, बता रही थी कायनात को।
आलिया बहुत अच्छी आदत की थी। आलिया रोज़ फ़ोन करती कायनात से बात करने के लिए।अब दोनों में दोस्ती हो गई थी।
आलिया ने बताया दानिश नाम है मेरे भाई का।
भाई तो है ही पर मेरा best friend भी है वो..
तुमसे बेहद मोहब्बत करता है...
"मैं तो नहीं जानती उनको, ना मैंने देखा है, फिर कैसे..."???
"तुम नहीं जानती मगर दानिश तुम्हें स्कूल टाइम से जानता है, और मानता है अपना सब कुछ तुम्हें "
कायनात उलझी उलझी सी रहने लगी।
कौन है दानिश?
ना देखा...ना जाना... फिर कैसे ???
आलिया रोज़ रात में फ़ोन करती। अब्बू उस वक्त नमाज़ को गये होते और अम्मी तो नानी के घर गई हुई थीं कुछ काम से इक महीने के लिए।
अब कायनात भी आलिया के फ़ोन का इंतजार करती।
इक दिन आलिया से बात कर रही थी कायनात और उसने हिम्मत करके कहा "दानिश से बात करनी है "
मगर दानिश ने इंकार कर दिया। कायनात ने फोन पर हल्की सी आवाज में इंकार सुना तो फ़ोन कट कर दिया।
रात भर सोचती रही के प्यार भी करता है और बात भी नहीं की आख़िर कौन है दानिश?
अगले दिन जब आलिया से बात हुई तो उसने कहा दानिश अचानक बात करने की बात से घबरा गया था।
वो तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता है और सिर्फ प्यार ही नहीं करता तुम्हें अपना बनाना चाहता है और अपने आप को तुम्हारे काबिल बना रहा है।
ये बात कायनात के दिल में असर कर गई और कायनात को दानिश के करीब ले जाती रही रात भर।



(wait for the next part)