...

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दिल के अल्फाज
टूटा अगर बांध तो
खुद को बांध बनाऊंगा
हर एक मोड़ पर मैं
तेरा साथ निभाउंगा

न रख कोई शिक़वा गिला
अपने क़ल्ब के अंदर
बैठना साथ मेरे दिल की
हर इक बात बताऊंगा

हिचकियों की ज़रूरत
कहा हैं मेरी मोहब्बत को
तेरे ही तसव्वुर में अब
हर इक रात बिताऊंगा

चाहे कितनी भी कयामत
आ जाये ज़िंदगी में
हर मुश्किल हर दर्द में
तेरा हाथ बटाऊंगा

कोई पूछें अगर तेरी
शख्सियत के बारे में
तुझें मैं अपना
फ़लसफ़ा-ए-हयात बताऊंगा

सरे आम पैग़ाम न भेजा करो,
हवाओ के हाथ
जमाने से उल्फ़त-ए-पैगाम
के राज छुपाउंगा

न बहाओ अब इन
आँखों से आंसू "नितेश"
मुलाक़ात की ख़ातिर
आज पूरा बाग सजाऊंगा

#chaurasiya4386
@chaurasiya4386

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