प्यार तेरा मेरा part-6
अमन के कमरे में,
अमन अपने बिस्तर में लेट कर सोने की कोसिस कर रहा था पर रह-रह कर उसे माया की ही याद आ रही थी, वो माया को याद करते हुए 7 साल की पहले जब वो उसे जनता था और अब की माया में compare करने लगा,
माया की chocolate brown आँखे जो किसी को भी उनमें डूबने के लिए मजबूर कर दे, वो आँखे जिनमें मासूमियत और बचपना भर रहता था , आज उनमें आत्मविश्वास और maturity हैं जिस कारण से एक अगल ही चमक ला रही हैं उसकी आँखों में जो उसके बचपने और मासूमियत को दूर कर रही हैं। उसकी होठों की मुस्कुराहट जो सर्म के साथ मुस्कुराती थी, आज उनमें आजादी और दर्द हैं, या कहूँ तो वो इन ज़ीजो से और खूबसूरत लगने लगी हैं । उसकी लम्बे-लम्बे बाल जो उसके कमर को छूते थे अब वो कंधे तक ही हैं, जो लड़की को west wear पसंद नहीं था आज वो उस जीज में comfort हो गई हैं और सायद उसने अपने emotion को भी छिपाना सीख लिया है । अमन जो सब एक दर्द भरी मुस्कुराहट के साथ सोच रहा था । मैंने उसे खो दिया ये सोच-सोच कर उसके आँखें असुवों से भर चुकी थी तभी उसे अचानक कुछ याद आने से उसकी आँखे गंभीर हो गई और गहराई से सोचते हुए, पर वो दोनों लड़के कौन हैं , वो दोनों ही माया का boyfriend बात रहे थे। इन जैसे और कई खयालों और सवालों को सोचते - सोचते कब आँख लग गई अमन को पता ही नहीं चला ।
माया के घर में,
वो दोनों लड़के माया के पीछे भाग-भाग कर थक चुके थे और सोफ़ा पर बैठ चुके थे।
सैम- माया ज़िद मत करो विक्रम busy होगा ।
माया- इसका क्या मतलब भाई मुझे call भी नहीं कर सकते या फिर उन्हें भी मुझ से कोई मतलब नहीं रहे गया हैं
(बात बीच में काटते हुए)
निसाल- सायद वहाँ काफ़ि रात हो चुकी हैं इसलिए सायद boss सो चुके हो ।
माया उदास होते हुए बोली, " सायद भाई गुस्सा हैं मुझसे" ये बोलते ही माया के आँखों में फिर से आँसु के बुंद उसके चेहरे को भीगाने लगे । माया जो इधर उधर भाग रही थी वो अब सोफे पर बैठे चुकी थी ।
माया किसी 5 साल की बच्ची की तरह लग रही थी जिससे अभी-अभी डांट पड़ी हो । रोने के कारण माया के आँखे लाल होने लगी थी।
सैम और निसाल उसे चुप कराते-कराते खुद भी रोने के हाल में आ चुके थे तभी एक call के ring से मोहोल थोड़ा relax होता नज़र आने लगा ।
जैसा वे लोग सोच रहे थे, हाँ ये विक्रम का call था । माया अपने असुवों को पोछती है और call receive करते हुए, भाई I'm sorry मैंने आपको फिर से परेशान कर दिया ये बोल कर रोने लगी।
विक्रम- sona relax मैं तुम से गुस्सा नहीं हुँ। तुम ही बताओ,तुम्हारा भाई कभी भी तुम पर गुस्सा हो सकता है ,नहीं ना। मैं बस तुम्हारे अकेले जाने से परेशान होगा था ।
(माया अभी भी रो रही थी)
विक्रम- माया सांत हो जाओ, देखो मुझे भी रोना आ रहा हैं और तुम्हें पता है न मैं अभी नहीं आ सकता । अगर तुम ऐसे ही रोती रही तो मैं सारा काम छोड़ कर अभी ही आ रहा हूँ ।
माया को pata था की ये project company के लिए बहुत important हैं अगर ये project हाथ से निकला तो company को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा और उसका भाई अपने बहन के लिए ये नुकसान भी उठा सकता हैं चाहे company डुब ही क्यों नहीं जाए । इसलिए माया सांत हो कर विक्रम की बात सुनने लगी ।
विक्रम- अब तुम लग रही हो मेरी सोना । अच्छा बताओ तुमने खाना खाया है?
माया - हाँ
विक्रम- और दवाईयाँ लिया ।
माया (थोड़ी झिझकते हुए) - वो दवाईयाँ, हाँ वो मैंने..
तभी पीछे से आवाज आती हैं ।
सैम और निसाल साथ में बोलते हैं, "नहीं ली है"
विक्रम (नाटकि गुस्सा दिखाते हुए) माया क्या तुमने अभी तक अपनी दवाईयाँ नहीं ली हैं ।
माया थोड़ा घबराते हुए, " हाँ! बस में ले ही रही थी "
सैम और निसाल अपने अपने हाथों के सामान आगे करते हुए एक चैन भरी सांस लेते हैं ।
माया के उन दवाइयों को खाने के बाद सब मस्ती मजाक करने लग जाते हैं और वो सुन सान सा घर हँसी ठिठोली से भर जाता हैं । काफी रात होने पर सब अपने अपने कमरे चेले जाते हैं ।
घर जादा बड़ा नहीं है पर बहुत खूबसूरत हैं । पुरा घर दो floor में बाट हुआ था । पहले floor में एक kitchen, एक guest room, Ek store room और एक Hall हैं और second floor में एक hall और उसके किनारे-किनारे तीन कमरे और एक बलकोनि हैं और सभी rooms में attached bathroom हैं । माया आने के बाद से ही अपनी माँ के कमरे में रहती थी,सैम माया के कमरे में और निसाल उस floor के बचे तीसरे कमरे में ।
माया के सो जाने के बाद विक्रम सैम को फिर से call लगता हैं ।
विक्रम- माया कैसी हैं (थोड़ा गंभीर होते हुए)
सैम - वो अभी ठीक है बस कल बेहोस हो गई, पर तुम tension मत लेना मैंने उसके दवाइयाँ दे दी है और अभी तक कोई symptoms नज़र नहीं आई है ,देखा अगर उसे कुछ भी होता है तो हम वापस उसे लेकर ही आ जाएगे। (सब एक सांस में कहते हुए)
विक्रम चोकते और डरे हुए लेहजे में पूछता है, "क्या सोना बेहोस हुई थी, क्या उसे चोट लगी है.. "
विक्रम के बात को कटते हुए सैम बोला, "नहीं! बस हाँथ में छोटा सा cut आया है पर अभी वो ठीक है"
विक्रम बोला, " वहाँ कोई खतरा तो नहीं है ना ? "
सैम बोला, " माया यहाँ हैं बस हम तीनो ही जानते हैं, तो सायद अभी के लिए कोई tension नहीं है ।"
विक्रम बोला, " सुन मैं और bodyguard भेजता हूँ.. "
विक्रम के बात को बेच में कटते हुए सैम बोला, "पागल हो क्या सबको बताना चाहते हो की सोना यहाँ हैं । तुमने अगर अपने bodyguard भेजा बात फैल सकती हैं । हम दोनों यहाँ हैं, सब संभाल लेगे।"
विक्रम बोला, " ठीक है मैं अपना काम जल्दी खत्म करके वहाँ आता हूँ"
सैम थोड़ा गुस्सा करते हुए बोला, " तु ना, जब भी बात तेरी बहन की आती हैं, तेरा दिमाग घास चरने चला जाता हैं । क्या करेगा यहाँ आके? सब को ये बायेगा कि तेरी बहन माया हैं जो सोना के नाम से हमारे साथ रहती हैं । देख यहाँ सब उसे जानते हैं पर ये कोई नहीं जानता की माया कौन है और ये अभी किसी को बातना भी नहीं है समझे ।
विक्रम जो सब सांत होकर सब सुन रहा था उसने उदासी में हाँ बोलकर फोन रख देता हैं ।
सैम फोन को घूरते हुए गुस्से में बोलता हैं, " मैं क्या करू इस लड़के का, जितना नाराज़ लड़किया नहीं होती उतना ये होता है "इतना बोल कर वो फिर call लगाने लगा पर विक्रम का फोन बंद आने लगा । सैम अपना सर पिटते हुए सोने चला जाता हैं ।
अमन अपने बिस्तर में लेट कर सोने की कोसिस कर रहा था पर रह-रह कर उसे माया की ही याद आ रही थी, वो माया को याद करते हुए 7 साल की पहले जब वो उसे जनता था और अब की माया में compare करने लगा,
माया की chocolate brown आँखे जो किसी को भी उनमें डूबने के लिए मजबूर कर दे, वो आँखे जिनमें मासूमियत और बचपना भर रहता था , आज उनमें आत्मविश्वास और maturity हैं जिस कारण से एक अगल ही चमक ला रही हैं उसकी आँखों में जो उसके बचपने और मासूमियत को दूर कर रही हैं। उसकी होठों की मुस्कुराहट जो सर्म के साथ मुस्कुराती थी, आज उनमें आजादी और दर्द हैं, या कहूँ तो वो इन ज़ीजो से और खूबसूरत लगने लगी हैं । उसकी लम्बे-लम्बे बाल जो उसके कमर को छूते थे अब वो कंधे तक ही हैं, जो लड़की को west wear पसंद नहीं था आज वो उस जीज में comfort हो गई हैं और सायद उसने अपने emotion को भी छिपाना सीख लिया है । अमन जो सब एक दर्द भरी मुस्कुराहट के साथ सोच रहा था । मैंने उसे खो दिया ये सोच-सोच कर उसके आँखें असुवों से भर चुकी थी तभी उसे अचानक कुछ याद आने से उसकी आँखे गंभीर हो गई और गहराई से सोचते हुए, पर वो दोनों लड़के कौन हैं , वो दोनों ही माया का boyfriend बात रहे थे। इन जैसे और कई खयालों और सवालों को सोचते - सोचते कब आँख लग गई अमन को पता ही नहीं चला ।
माया के घर में,
वो दोनों लड़के माया के पीछे भाग-भाग कर थक चुके थे और सोफ़ा पर बैठ चुके थे।
सैम- माया ज़िद मत करो विक्रम busy होगा ।
माया- इसका क्या मतलब भाई मुझे call भी नहीं कर सकते या फिर उन्हें भी मुझ से कोई मतलब नहीं रहे गया हैं
(बात बीच में काटते हुए)
निसाल- सायद वहाँ काफ़ि रात हो चुकी हैं इसलिए सायद boss सो चुके हो ।
माया उदास होते हुए बोली, " सायद भाई गुस्सा हैं मुझसे" ये बोलते ही माया के आँखों में फिर से आँसु के बुंद उसके चेहरे को भीगाने लगे । माया जो इधर उधर भाग रही थी वो अब सोफे पर बैठे चुकी थी ।
माया किसी 5 साल की बच्ची की तरह लग रही थी जिससे अभी-अभी डांट पड़ी हो । रोने के कारण माया के आँखे लाल होने लगी थी।
सैम और निसाल उसे चुप कराते-कराते खुद भी रोने के हाल में आ चुके थे तभी एक call के ring से मोहोल थोड़ा relax होता नज़र आने लगा ।
जैसा वे लोग सोच रहे थे, हाँ ये विक्रम का call था । माया अपने असुवों को पोछती है और call receive करते हुए, भाई I'm sorry मैंने आपको फिर से परेशान कर दिया ये बोल कर रोने लगी।
विक्रम- sona relax मैं तुम से गुस्सा नहीं हुँ। तुम ही बताओ,तुम्हारा भाई कभी भी तुम पर गुस्सा हो सकता है ,नहीं ना। मैं बस तुम्हारे अकेले जाने से परेशान होगा था ।
(माया अभी भी रो रही थी)
विक्रम- माया सांत हो जाओ, देखो मुझे भी रोना आ रहा हैं और तुम्हें पता है न मैं अभी नहीं आ सकता । अगर तुम ऐसे ही रोती रही तो मैं सारा काम छोड़ कर अभी ही आ रहा हूँ ।
माया को pata था की ये project company के लिए बहुत important हैं अगर ये project हाथ से निकला तो company को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा और उसका भाई अपने बहन के लिए ये नुकसान भी उठा सकता हैं चाहे company डुब ही क्यों नहीं जाए । इसलिए माया सांत हो कर विक्रम की बात सुनने लगी ।
विक्रम- अब तुम लग रही हो मेरी सोना । अच्छा बताओ तुमने खाना खाया है?
माया - हाँ
विक्रम- और दवाईयाँ लिया ।
माया (थोड़ी झिझकते हुए) - वो दवाईयाँ, हाँ वो मैंने..
तभी पीछे से आवाज आती हैं ।
सैम और निसाल साथ में बोलते हैं, "नहीं ली है"
विक्रम (नाटकि गुस्सा दिखाते हुए) माया क्या तुमने अभी तक अपनी दवाईयाँ नहीं ली हैं ।
माया थोड़ा घबराते हुए, " हाँ! बस में ले ही रही थी "
सैम और निसाल अपने अपने हाथों के सामान आगे करते हुए एक चैन भरी सांस लेते हैं ।
माया के उन दवाइयों को खाने के बाद सब मस्ती मजाक करने लग जाते हैं और वो सुन सान सा घर हँसी ठिठोली से भर जाता हैं । काफी रात होने पर सब अपने अपने कमरे चेले जाते हैं ।
घर जादा बड़ा नहीं है पर बहुत खूबसूरत हैं । पुरा घर दो floor में बाट हुआ था । पहले floor में एक kitchen, एक guest room, Ek store room और एक Hall हैं और second floor में एक hall और उसके किनारे-किनारे तीन कमरे और एक बलकोनि हैं और सभी rooms में attached bathroom हैं । माया आने के बाद से ही अपनी माँ के कमरे में रहती थी,सैम माया के कमरे में और निसाल उस floor के बचे तीसरे कमरे में ।
माया के सो जाने के बाद विक्रम सैम को फिर से call लगता हैं ।
विक्रम- माया कैसी हैं (थोड़ा गंभीर होते हुए)
सैम - वो अभी ठीक है बस कल बेहोस हो गई, पर तुम tension मत लेना मैंने उसके दवाइयाँ दे दी है और अभी तक कोई symptoms नज़र नहीं आई है ,देखा अगर उसे कुछ भी होता है तो हम वापस उसे लेकर ही आ जाएगे। (सब एक सांस में कहते हुए)
विक्रम चोकते और डरे हुए लेहजे में पूछता है, "क्या सोना बेहोस हुई थी, क्या उसे चोट लगी है.. "
विक्रम के बात को कटते हुए सैम बोला, "नहीं! बस हाँथ में छोटा सा cut आया है पर अभी वो ठीक है"
विक्रम बोला, " वहाँ कोई खतरा तो नहीं है ना ? "
सैम बोला, " माया यहाँ हैं बस हम तीनो ही जानते हैं, तो सायद अभी के लिए कोई tension नहीं है ।"
विक्रम बोला, " सुन मैं और bodyguard भेजता हूँ.. "
विक्रम के बात को बेच में कटते हुए सैम बोला, "पागल हो क्या सबको बताना चाहते हो की सोना यहाँ हैं । तुमने अगर अपने bodyguard भेजा बात फैल सकती हैं । हम दोनों यहाँ हैं, सब संभाल लेगे।"
विक्रम बोला, " ठीक है मैं अपना काम जल्दी खत्म करके वहाँ आता हूँ"
सैम थोड़ा गुस्सा करते हुए बोला, " तु ना, जब भी बात तेरी बहन की आती हैं, तेरा दिमाग घास चरने चला जाता हैं । क्या करेगा यहाँ आके? सब को ये बायेगा कि तेरी बहन माया हैं जो सोना के नाम से हमारे साथ रहती हैं । देख यहाँ सब उसे जानते हैं पर ये कोई नहीं जानता की माया कौन है और ये अभी किसी को बातना भी नहीं है समझे ।
विक्रम जो सब सांत होकर सब सुन रहा था उसने उदासी में हाँ बोलकर फोन रख देता हैं ।
सैम फोन को घूरते हुए गुस्से में बोलता हैं, " मैं क्या करू इस लड़के का, जितना नाराज़ लड़किया नहीं होती उतना ये होता है "इतना बोल कर वो फिर call लगाने लगा पर विक्रम का फोन बंद आने लगा । सैम अपना सर पिटते हुए सोने चला जाता हैं ।