डिमोटिवेट करने वालों से बचें
हमारे आस-पास परिजनों के अलावा भी बहुत सारे नेगेटिव लोग रहते हैं।
ये पड़ोसी, क्लासमेट, दोस्त या रिश्तेदार कोई भी हो सकते हैं।
ये खुद तो रोते ही रहते हैं, दूसरे को भी डीमोटिवेट करते हैं।
ऐसे लोगों से सदैव दूर रहें।
ऐसा नहीं है कि आपको जीवन में अच्छे लोग नहीं मिलेंगे, पर आपको बुरे लोगों का साथ छोड़ना होगा।
बुरे लोग लगातार आपको परेशान करते रहते हैं।
ये आप पर भावनात्मक दबाव बना सकते हैं और आपको लक्ष्य से भटका सकते हैं। नासमझी या अपरिपक्वता के कारण जिंदगी के शुरुआती दौर में आपको हर तरह के लोगों का साथ अच्छा लगता है पर बाद में आप खुद महसूस करने लगते हैं कि गलत संगत के कारण जीवन लक्ष्य से भटक जाता है।
इसलिए आपको मेरी ये राय है की, आपने आसपास के लोगों की मेंटालिटी को समझें,
और पॉजिटिव सर्किल को डेवलप करें, जिंदगी बड़ी प्यारी और सुहानी लगेगी.
© दो शब्द
ये पड़ोसी, क्लासमेट, दोस्त या रिश्तेदार कोई भी हो सकते हैं।
ये खुद तो रोते ही रहते हैं, दूसरे को भी डीमोटिवेट करते हैं।
ऐसे लोगों से सदैव दूर रहें।
ऐसा नहीं है कि आपको जीवन में अच्छे लोग नहीं मिलेंगे, पर आपको बुरे लोगों का साथ छोड़ना होगा।
बुरे लोग लगातार आपको परेशान करते रहते हैं।
ये आप पर भावनात्मक दबाव बना सकते हैं और आपको लक्ष्य से भटका सकते हैं। नासमझी या अपरिपक्वता के कारण जिंदगी के शुरुआती दौर में आपको हर तरह के लोगों का साथ अच्छा लगता है पर बाद में आप खुद महसूस करने लगते हैं कि गलत संगत के कारण जीवन लक्ष्य से भटक जाता है।
इसलिए आपको मेरी ये राय है की, आपने आसपास के लोगों की मेंटालिटी को समझें,
और पॉजिटिव सर्किल को डेवलप करें, जिंदगी बड़ी प्यारी और सुहानी लगेगी.
© दो शब्द