...

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नदिया, नाव और जीवन
नदियों अगर जीवन है ,
तो सुख का मुझे, किनारा चाहिए,
खुश रहे सब जीवन भर,
यह किस्सा जीवन मे आना चाहिए

घूमता रहु ,धाराओ के बीच
उस नाव और पानी सा प्यार चाहिए
बन माझी नित नाविक सा ,
प्रकृति सा वो प्यार चाहिए,

नदिया अगर जीवन है,
तो सुख का मुझे, किनारा चाहिए

शीतल जल और मिट्टी की ,
खुशबू सा सुगंधित मन मे भाव चाहिये
नदी किनारे बैठे, पंछी सा,
नटखट व्यवहार चाहिये

नदिया अगर जीवन है
तो सुख का मुझे किनारा चाहिए
खुश रहे सब जीवन भर
यह किस्सा जीवन मे आना चाहिए

गणेश कुशवाह सोलंकी
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