...

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मोहक कलरव
सामने आम के पेड़ पर आ बैठते
वे पक्षी सुबह शाम गोया की वह
उनका घर ही हो, करते जाने क्या
और कैसी कैसी बातें थकते भी नहीं थे
उनकी बातों में अक्सर मधुरता होती
पुकार होती और कभी चिड़ बिड़ चिड़ बिड़
होती झगड़ पड़ने की अदाएं
किंतु उनमें भरी मिठास कभी कम
नहीं होती उनकी...