मेरी महोब्त
बात उन दिनों की हैं जब मैं क्लास 10 मैं पढ़ाई कर रहा था वैसे हमारा कोर्स भी पूरा हो गया था हाफ अर्लि के पेपर आने बाले थे और मैं पेपर की पूरी तैयारी कर रहा था तो हमारी क्लास मैं किसी की एंट्री होती है प्रिन्सिपल सर के साथ प्रिन्सिपल सर उस लड़की को हमारी क्लास में लेकर आए और बोले बेटा जी आज से ये हेै आपकी क्लास तो हम् सभी की नजर उस लड़की पर चली गई जाती क्यों नहीं जिस स्कूल् मैं लड़की नाम की कोई बला भी नहीं थी पूरा स्कूल लड़कों का था वैसे वो लड़की देखने मै बहुत खूब सूरत थी मैं पढ़ने मैं ज्यादा होशियार भी नहीं था प्रिन्सिपल सर ने कहा कि बच्चों ये लड़की आज से यही पढेगी तो हम सभी ने गर्दन हिलाते हुए हा बोला पर सभी लड़के एक दूसरे का मुँह ताक रहे थे कि ये लड़की कहा बैठेगी वो तो लड़की का मन है वो कहा बैठै मालूम नहीं कुदरत मेरा साथ दे रहा था या मै कुदरत का ये मुझे मालूम नहीं था वैसे मैं दूसरी लाइन मैं बैठता हूँ उस लाइन मैं एक जंगला हेै उस् से बहुत अच्छी हवा आती है इसलिए मैं वहा बैठता हूँ मुझे क्या मालूम था वो भी वहीं बैठेगी वो लड़की मेरी वाली शीट पर आकर बैठ गई मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैं भी चहा रहा था कि वो मेरे पास...