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हार जाए तो क्या करें?
देखो, हार का सामना करना किसी के लिए भी आसन नहीं होता, चाहे वो काम हो, खेल हो, पढ़ाई हो या रिश्ता हो। हार से निराशा होना स्वाभाविक है...

हार एक ऐसा अनुभव है जो हर इंसान को होता है। लेकिन हार से हार मान लेना या हार से डर जाना गलत है। हार से हिम्मत हारना सही नहीं है। हार के बाद नए रास्ते तलाशना और आगे बढ़ना हमारे लिए जरूरी होता है।

अक्सर हारने के बाद हम अपने आप पर से भरोसा खो देते हैं, और हमें यह लगने लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता । इस तरह हम अपने लक्ष्य से दूर हो जाते हैं। इस लिए हार के बाद सकारात्मक सोच बहुत जरूरी है।

हार का मतलब ये नहीं है कि अब सफल ही नहीं हो सकते। हार का मतलब ये है कि हमें और मेहनत करनी होगी और अपने कार्य करने के तरीके को बदलना होगा...

हार को स्वीकार करना सीखिए। हार को स्वीकार करने से हम अपनी गलतियों को समझ सकते हैं और उनसे सुधार कर सकते हैं। हार को एक चैलेंज समझ कर हम अपने आप को और ज्यादा तैयार कर सकते हैं।

हमें पता है कि हार हमें बहुत कुछ सिखाता है। हार से हम ये जान सके हैं कि हमारी कमजोरियाँ क्या हैं और हमें किस चीज़ पर ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

हार से हमें अपने प्रतिस्पर्धियों का भी पता चलता है और साथ ही ये भी पता चलता है कि उनमें ऐसा क्या है जो हममें नही है, इस प्रकार हम खुद मे उन गुणों को या उनसे बेहतर गुणों को विकसित कर सकते हैं।

हार के बाद हारने के कारणों को खोजने और उन्हें दूर करने का प्रयास करें तथा सलाह लें। हार के बाद अकेला रहना या तन्हाई में डूबना सही नहीं है। हम हार के बाद अपने दोस्त, परिवार, या मेंटर्स से सपोर्ट ले सकते हैं। वो हमें सही सलाह देंगे, और हमें सही दिशा में बढ़ते के लिए सपोर्ट करेगें।

हार से आप क्या सीखते हो, हारने के बाद आप क्या सोचते हो यही आने वाले समय में आपकी जीत सुनिश्चित करता है।इसलिए हमेशा सकारात्मक रहें, हार से अपनी गलतियों का आंकलन करें और उन्हें सुधारें तथा निरंतर प्रयास करते रहें।

इस प्रकार आप एक दिन अवश्य जीतेंगे।

© Vineet