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"हम अद्वितीय हैं"

यहाँ हम मानवीय जीवन के अनुभवों के लिए हैं, नाकि आध्यात्मिक अनुभवों के लिए। क्योंकि मूल रूप से हम आत्माएं हैं और हमारे भीतर पहले से ही आध्यात्मिक शक्तियाँ मौजूद हैं।

हम सभी यहाँ एक ख़ास मक़सद के लिए चुनकर भेजे गए हैं। सचेतन मन से हम उस मक़सद को नहीं जान पाते, जिसके लिए हमें नियुक्त किया जाता है। हम में से कुछेक ही पृथ्वी के आयामी सुधार को बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम रह पाए हैं।

माया और मिथक हमारे गंतव्य को मोड़ देते हैं और हमें मानवीय और आध्यात्मिक अनुभवों के बीच फंसा देते हैं। और दुर्भाग्य से, उसके कारण, हम जीवन भर अपने मक़सद को समझ ही नहीं पाते।

और फिर अंत में, हम निर्धारित समय सीमा (मानव शरीर की समाप्ति) की समाप्ति के बाद अपने मूल ऊर्जा रूप (आत्मा) में वापस अपने उच्च आयाम में चले जाते हैं।

{श्रीमद्भगवदगीता (2.22) में कहा गया है, हम कभी नहीं मरते बल्कि कपड़ों की तरह शरीर बदल लेते हैं}

हम फिरसे अपने ख़ास मक़सद के साथ पृथ्वी पर आते हैं....

क्योंकि जीवन की समय सीमा निर्धारित मक़सद से अति लघु
प्रतीत होती है। इसलिए मानव शरीर में सूचना को अगली पीढ़ी तक भेजने की प्रणाली (डी एन ए) उपलब्ध है।

और इसी कारण पृथ्वी पर आने-जाने का यह चक्र युगों से, या फिर कहें कि इस ब्रह्मांड में आकाशगंगा के साथ पृथ्वी के घूर्णन शुरू होने के बाद से ही प्रक्रिया में जारी है।


ASHOK HARENDRA
© into.the.imagination