पत्र तुम्हारे लिए ✉️
Dear Girls!
खुश रहो, मस्त रहो..! ये वक्त तुम्हारा है। अब ये कहना भी हास्यास्पद लगता है कि," लड़कियां लड़कों से कम नहीं" क्यूंकि आज की तारीख में ये बात एक "प्रमाणित सत्य" है।
लेकिन हंसी आती है ये बात बताने में कि हां; आज भी कुछ नहीं बदला तो वो है, हमारे पुरुष समाज के "कुछ पुरुषों की सोच"।
21वी सदी के सोशल मीडिया के इस आधुनिक दौर में इन पुरुषों की सोच कुछ ऐसी है कि अगर कोई स्त्री सोशल मीडिया इस्तेमाल कर रही है तो वो Characterless है और चैटिंग के लिए आसानी से Available है । उसके साथ दोहरे अर्थ (Double Meaning) वाली बातें...
खुश रहो, मस्त रहो..! ये वक्त तुम्हारा है। अब ये कहना भी हास्यास्पद लगता है कि," लड़कियां लड़कों से कम नहीं" क्यूंकि आज की तारीख में ये बात एक "प्रमाणित सत्य" है।
लेकिन हंसी आती है ये बात बताने में कि हां; आज भी कुछ नहीं बदला तो वो है, हमारे पुरुष समाज के "कुछ पुरुषों की सोच"।
21वी सदी के सोशल मीडिया के इस आधुनिक दौर में इन पुरुषों की सोच कुछ ऐसी है कि अगर कोई स्त्री सोशल मीडिया इस्तेमाल कर रही है तो वो Characterless है और चैटिंग के लिए आसानी से Available है । उसके साथ दोहरे अर्थ (Double Meaning) वाली बातें...