Vyarth Hi Hum Bus kuch pareshani ko Bulate Hai
व्यार्थ ही कभी और सय्यद बहुत बार हम परेशनी को खुद ही अपने जीवन में बुलाते हैं कभी व्यार्थ ही हम किसी अंजान व्यक्ति को अपना समझने की भूल कर देते हैं तो कभी व्यार्थ ही हम ओवर...