नियति
यदि गंगा जानतीं उनकी नियति में अंत में उन्हें खारे पानी में मिल जाना है तो क्या वह इस भूलोक पर अवतरित होतीं। अपने धर्म ग्रंथों की मानें तो वे श्री हरि विष्णु के अंगूठे से निकलकर, बह्मा के कमंडल में समाईं , फिर शिव की जटाओं में जा विराजीं ( इस तरह तो उन्हें कैलाश से निकलना चाहिए था)।
भागीरथ की उंगली थामे गंगोत्री की मासूम सी धारा कब यौवन की आतुरता के आवेग में हर...
भागीरथ की उंगली थामे गंगोत्री की मासूम सी धारा कब यौवन की आतुरता के आवेग में हर...