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नागिन का साया
हिमाचल प्रदेश के घने जंगलों के बीच बसे एक छोटे से गाँव "दंडेश" में एक पुरानी मान्यता सदियों से चली आ रही थी। गाँव के लोग एक अजीब सी डरावनी घटना का जिक्र किया करते थे, जिसे ‘नागिन का श्राप’ कहा जाता था। मान्यता थी कि इस गाँव के पूर्वजों ने एक पवित्र स्थान पर एक नागिन को मार दिया था, और तब से ही उस नागिन की आत्मा गाँव के लोगों को श्रापित करती आ रही थी।

गाँव में अक्सर रात के समय किसी अजीब सी महिला की चीखें सुनाई देती थीं। लोग कहते थे कि वो वही नागिन है, जो अब गाँव के हर कोने में घूमती है और जिसे वो देख लेता है, वो मौत के मुंह में चला जाता है। कई लोगों ने दावा किया कि उन्होंने एक लंबी, घने बालों वाली और खून से सनी आँखों वाली औरत को देखा है, जो गाँव की पगडंडियों पर रात के अंधेरे में दिखती है।

विजय, जो कि गाँव के सबसे युवा और साहसी लड़कों में से एक था, उसे इन कहानियों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था। उसे लगता था कि ये सब केवल डर फैलाने के लिए बुनी गईं कहानियाँ हैं। विजय का मानना था कि विज्ञान के युग में ऐसी बातें करना बेवकूफी है। गाँव के बुजुर्गों ने उसे कई बार समझाया कि वह रात में जंगल की ओर न जाए, लेकिन विजय ने किसी की नहीं सुनी।

एक दिन गाँव के पास वाले जंगल में कुछ जड़ी-बूटियों की तलाश में गाँव के कुछ लोग गए थे, लेकिन उनमें से एक व्यक्ति रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया। उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला। गाँव के लोग डर गए थे और उन्हें यकीन था कि यह नागिन का काम है।

विजय ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया और खुद उस व्यक्ति की तलाश में जाने का फैसला किया। रात के समय, जब गाँव के सभी लोग सो रहे थे, विजय अपने कुछ दोस्तों के साथ जंगल की ओर निकल पड़ा। उनके हाथों में मशालें थीं और मन में थोड़ी सी दहशत भी। जंगल के बीचोबीच पहुँचते ही उन्हें किसी महिला की कराहने की आवाज़ सुनाई दी। आवाज़ धीरे-धीरे पास आती गई और सभी के दिलों की धड़कनें तेज हो गईं।

अचानक से पेड़ों के पीछे से एक साया उभरा। एक लंबी महिला, जिसके बाल घने और बिखरे हुए थे, उसके चेहरे पर एक खौफनाक हंसी थी। उसकी आँखें खून जैसी लाल थीं और उसकी उपस्थिति इतनी भयानक थी कि विजय के साथ आए उसके दोस्त वहीं जमीन पर गिर पड़े। विजय ने हिम्मत दिखाने की कोशिश की, लेकिन उसके पैर कांप रहे थे।

वह महिला धीरे-धीरे विजय के पास आई और उसने कहा, "तुम्हारे पूर्वजों ने मेरा अपमान किया था, और अब तुम सबको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।" विजय हिम्मत जुटाकर बोला, "यह सिर्फ एक कहानी है, तुम कौन हो?"

महिला ने जोर से ठहाका लगाया और उसकी आँखों से खून की बूंदे टपकने लगीं। तभी अचानक, विजय को अपने पूरे शरीर में एक अजीब सा एहसास हुआ, जैसे उसकी आत्मा को कुछ खींच रहा हो। उसने महसूस किया कि वह महिला नागिन ही है, जो उसकी आत्मा को निगलने की कोशिश कर रही है।

विजय ने अपने सारे साहस को एकत्रित किया और पीछे की ओर भागने लगा, लेकिन उसे लगा जैसे जंगल की हर शाखा उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है। उसके कदम भारी हो गए थे, और वह बार-बार गिर रहा था। उसके साथियों की चीखें उसकी कानों में गूँज रही थीं, लेकिन वह उनकी मदद करने में असमर्थ था।

जैसे-तैसे विजय गाँव लौटने में कामयाब हुआ, लेकिन वह बुरी तरह जख्मी हो चुका था। गाँव के लोग उसकी हालत देखकर समझ गए थे कि उसने नागिन का श्राप झेल लिया है। अगले कुछ दिनों में विजय का स्वास्थ्य तेजी से गिरने लगा। उसकी आँखों में वही खून जैसा लालपन आ गया, और एक रात अचानक उसकी भी मौत हो गई।

उसके मरने के बाद से गाँव के लोग और भी ज्यादा भयभीत हो गए। अब गाँव में रात के समय कोई भी बाहर नहीं निकलता, क्योंकि उन्हें यकीन हो गया था कि नागिन का श्राप अभी भी जिंदा है, और वह किसी को नहीं छोड़ेगी।

इस घटना के बाद, गाँव के बुजुर्गों ने फैसला किया कि इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए एक विशेष पूजा की जाएगी। उन्होंने गाँव के सबसे पुराने मंदिर में जाकर देवताओं से प्रार्थना की, लेकिन आज भी, उन रातों में जब जंगल से चीखें सुनाई देती हैं, लोग दरवाजे बंद करके अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि नागिन का श्राप अमर है, और वह कभी किसी को चैन से जीने नहीं देगा।
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© Priyansh Honey Varshney