डिप्रेशन से सनातन तक: परिवर्तन की कहानी
समय का पहिया निरंतर घूमता रहता है, और हर युग में कुछ नया लाता है। अभी हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं, जहां हर कोई परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। हमारे समाज में एक नई वेव चल पड़ी है, जिसे हम "सनातन वेव" कह सकते हैं।
कुछ समय पहले, जब दुनिया डिप्रेशन की वेव से जूझ रही थी, हर कोई अपने आप में खोया हुआ था। रात के तीन बजे उठकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना, डिप्रेशन में सेल्फियां डालना और अपने मन की बेचैनियों को साझा करना, यह आम हो गया था। ऐसा लग रहा था जैसे पूरे समाज में एक उदासी का माहौल था। हर कोई अपनी परेशानियों में उलझा हुआ था, और इस परिस्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।
लेकिन जैसा कि कहा जाता है, अंधेरे के बाद ही उजाला आता है। और...
कुछ समय पहले, जब दुनिया डिप्रेशन की वेव से जूझ रही थी, हर कोई अपने आप में खोया हुआ था। रात के तीन बजे उठकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना, डिप्रेशन में सेल्फियां डालना और अपने मन की बेचैनियों को साझा करना, यह आम हो गया था। ऐसा लग रहा था जैसे पूरे समाज में एक उदासी का माहौल था। हर कोई अपनी परेशानियों में उलझा हुआ था, और इस परिस्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।
लेकिन जैसा कि कहा जाता है, अंधेरे के बाद ही उजाला आता है। और...