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एक कदम आध्यात्मिकता की ओर
सब लोग जानते हैं कि
कोई हमसे प्यार नहीं करता
फिर भी लोग मन के वशीभूत
हो कर करते जाते हैं।
हर एक मनुष्य के जीवन में
एक न एक दिन ऐसी स्थिति
जरूर आती है कि उसे लगता है
कि कोई हमसे प्यार नहीं करता
सब अपने स्वार्थ से प्यार करते हैं
उस दिन उसे भगवान के सिवा
और किसी का ध्यान नहीं आता
परन्तु जब तक उसे ज्ञात होता है
तब तक उसके पास समय नहीं
बचता।
क्योंकि उसने भगवान से प्रेम न
करके सांसारिक भोग विलासों
का स्वाद लिया।
कई बार ये सुनने में आता है कि
हमारा मन पूजा पाठ और ईश्वर
भक्ति में नहीं लगता।
आपने अपने मन को जिस पथ
पर अग्रसर किया है वो उन्हीं
कर्मों का अनुशरण करेगा
अगर आपने उसे भगवान में
समर्पित किया होता तो
वो भगवान के मनन चिंतन के
अलावा और कहीं लगता ही नहीं
इसीलिए अपने मन को काबू में
करने का...