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खुद से रूबरू होकर
जो बीत गया उसे याद मत करो ऐसा लोग कहते है। लेकिन मुझे लगता है की जो बीता है वो भी हुआ है इसलिए आज वो कल बन गया। मैंने सोचा की कुछ वक़्त से मेरे साथ क्या हुआ और किन किन लोगों ने मेरा साथ दिया। बहुत दिनों बाद खुद से रूबरू हुई और खुद की गलतियों से सिखने लगी। हाँ मैं गलत थी की मैंने किसी भी शख्स की बातों को दिल से लगाया। हां मुझसे भूल हुई की मैंने हर किसी के काम को अपना सा माना। जिंदगी में ये गलतियाँ मुझे सीखा रही है की दुनिया कैसी है और हमें कैसे चलना है। इन सबके बीच मैंने अपनी मोहब्बत को भी शिद्दत से निभाया। लेकिन ये भूल गयी की मेरा हक़ नहीं है उनपर जितना उनके घर वालों का है। मैं क्यों उन पर गुस्सा कर रही हूँ की मुझसे बात करो मैं क्यों उन्हें परेशान कर रही हूँ जब उनके और भी काम है जो करने जरुरी है। समझ तो सब बातों की है मुझ में बस मैं बेहद मोहब्बत में डूब गयी जिस वजह से सिर्फ मुझे तकलीफ हुई। वो मेरे साथ होकर भी ख़ुश नहीं रहते वो मेरे साथ साथ होकर भी दुखी रहते है तब मुझे लगा की नहीं मैंने ये नहीं चाहा की वो मेरे साथ दुखी रहें। मैं उनसे दूर ही सही बस वो ख़ुश रहें। सबने मुझे कहा तो मैंने नहीं सुना लेकिन जिस दिन उन्होंने मुझे कहा की आप छोटी छोटी बातों को दिल से लगा देते हो तब मुझे दिल से लगा। मैंने खुद को समझा लिया की मुझे अकेले ही चलना है और खुद का सोचना है की मेरे मालिक मैं सही हूँ और तू मेरे साथ है बस यही काफ़ी है कुछ पल की ज़िन्दगी के लिए।
© Niharik@ ki kalam se✍️