...

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उसके यादों के सुगबुगाहट आज भी है...
मेरे मरणोपरांत मेरे कमरे में ऐसा कुछ नही मिलेगा तुम्हे
जिससे ये साबित हो सके कि मुझे कभी किसी से मोहब्बत हुई थी...
ना ही मेरी दराज़ में मिलेंगे किसी के प्रेम पत्र..
ना ही मिलेंगे किसी के तोहफे में दिलाये हुए झुमके...
ना ही मिलेगा मेरी किताब में कोई सूखा हुआ गुलाब..
ना ही मिलेगा मेरी डायरी के पीछे लिखा हुआ किसी का नाम...
उसकी तस्वीर तक पास रखने की कभी जरूरत नही पड़ी..
लेकिन अगर तुम महसूस करोगे उस कमरे में तो पाओगे आईने पर चमकती एक मुस्कान...
जो कभी खुद को देखते हुए उसे याद करके मुस्कुराई थी मैं...वो मुस्कुराहट वही उसी आईने में छूट गई थी...
हमारी रात भर की हुई बातों की वो फुसफुसाहट आज भी उस कमरे में गूंज रही होगी...
मेरे उदास होने पर वो अजीबोगरीब हरकते करके मुझे हँसाने की कोशिश करता था..वो मेरे ठहाके आज भी किसी कोने में खिलखिला रहे होंगे...
उसके छोड़ के चले जाने पर रात भर रो कर भिगाये हुए तकिए में आज भी थोड़ी नमी बाकी होगी...
लेकिन तुम ये सब बस महसूस ही कर सकते हो...
किसी सबूत के तौर पर अपने साथ लेकर नही जा सकते...
इसलिए वो मुस्कान, वो खिलखिलाहट,वो नमी ,वो गूंज सब वही छोड़ देना उस कमरे में...
और बाहर आकर कह देना सबसे कि उस लड़की को कभी किसी से मोहब्बत हुई ही नही थी...
उसके मरने का कारण अज्ञात है...!!
© @mishravishal