ऊर्जा सकारात्मक और ऊर्जा नकारात्मक:-
ऊर्जा सकारात्मक और ऊर्जा नकारात्मक:-
भगवान के साथ का एक पल का अनुभव संसार की सबसे बड़ी उपलब्धी से भी मूल्यवान है, क्योंकि यह अनुभव अविनाशी है।
ईश्वर के साथ का अनुभव आत्मा पर छाप डालता है तभी जब कोई भगवान के प्यार में डूबने लगता है तो उसे संसार पागल कहता है , बल्कि सच तो यह है कि संसार उसको ही पागल लगने लगता है।
जब आप मेहनत कर के भी असफल हो रहे हैं, तो इसका मतलब नकारात्मक ऊर्जा का खाता पूरा भरा हुआ है और अब सकारात्मक ऊर्जा कमानी पड़ेगी तभी सफलता के द्वार हमारे खुलेंगे।
सकारात्मक ऊर्जा कमाने के लिए दिव्य गुण धारण कर पुण्य कर्म करना और सदा ईश्वर की याद में रहना यही दो रास्ते हैं।
कई बार किसी के प्रति अपनी भावनाओं को बदलना मुश्किल लगता है, परंतु हम यह क्यों भूल जाते हैं कि हमारी सोच से हमारा स्वभाव बनता है,यदि हम उस आत्मा के प्रति अपनी सोच को बदल दें तो भावना अपने आप बदल जाएगी और यदि सोच और भावना बदल गई तो व्यव्हार अपने आप बदल जाएगा। यदि आपको लगता है कि कोई आपके बारे में अच्छा नहीं सोचता तो उसके बारे में कभी न सोचें क्योंकि किसी के बारे में सोचना अर्थात उन्के साथ अपना समय व्यर्थ करना जिससे आप उनकी नकरात्मकता ऊर्जा आपके अन्दर प्रवेश करने लगेगें और आपकी सकारात्मक शक्तियां नष्ट होती जाएंगी। (डॉ. श्वेता सिंह)
© Dr.Shweta Singh
भगवान के साथ का एक पल का अनुभव संसार की सबसे बड़ी उपलब्धी से भी मूल्यवान है, क्योंकि यह अनुभव अविनाशी है।
ईश्वर के साथ का अनुभव आत्मा पर छाप डालता है तभी जब कोई भगवान के प्यार में डूबने लगता है तो उसे संसार पागल कहता है , बल्कि सच तो यह है कि संसार उसको ही पागल लगने लगता है।
जब आप मेहनत कर के भी असफल हो रहे हैं, तो इसका मतलब नकारात्मक ऊर्जा का खाता पूरा भरा हुआ है और अब सकारात्मक ऊर्जा कमानी पड़ेगी तभी सफलता के द्वार हमारे खुलेंगे।
सकारात्मक ऊर्जा कमाने के लिए दिव्य गुण धारण कर पुण्य कर्म करना और सदा ईश्वर की याद में रहना यही दो रास्ते हैं।
कई बार किसी के प्रति अपनी भावनाओं को बदलना मुश्किल लगता है, परंतु हम यह क्यों भूल जाते हैं कि हमारी सोच से हमारा स्वभाव बनता है,यदि हम उस आत्मा के प्रति अपनी सोच को बदल दें तो भावना अपने आप बदल जाएगी और यदि सोच और भावना बदल गई तो व्यव्हार अपने आप बदल जाएगा। यदि आपको लगता है कि कोई आपके बारे में अच्छा नहीं सोचता तो उसके बारे में कभी न सोचें क्योंकि किसी के बारे में सोचना अर्थात उन्के साथ अपना समय व्यर्थ करना जिससे आप उनकी नकरात्मकता ऊर्जा आपके अन्दर प्रवेश करने लगेगें और आपकी सकारात्मक शक्तियां नष्ट होती जाएंगी। (डॉ. श्वेता सिंह)
© Dr.Shweta Singh