...

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संस्मरण
आज सुबह एक बात याद आई जो बचपन में बालहंस की कॉमिक्स बुक में पढ़ी थी। ये एक छोटा सा किस्सा है जो एक मजेदार छोटी  कहानी हैं ।
................😄😄😄😄😄😄😄

अरे बिल्लू क्या कर रहे हो इधर आना ।
हा आया। बिल्लू बोला ,
बोलिये माँ, क्या हुआ ।
बिल्लू जरा रसोई  में  जाकर चने की दाल पानी में एक घंटे तक उसे भिगोकर रख दो।
बिल्लू??????, माँ दाल पानी में भिगो क्यो रही । दाल को भिगोकर रखने से क्या फायदा।
बिल्लू बहुत छोटा  था। वह  पांच-छः साल का एक नासमझ बालक था लेकिन बहुत बदमाश ओर शैतान भी था ।
बिल्लू की माँ बिल्लू की बात सुनकर हसने लगी। 😄😄और बोली अरे दाल को पानी में भिगो कर रखने से वह ज्यादा हो जाती है ,इसलिए। इतना कहकर बिल्लू की माँ बाजार चली जाती है।😄😄😄

फिर....
फिर जब बिल्लू की माँ बाजार से वापस आती है तो थकान के कारण वह अपने लिए चाय बनाने जाती है।☺️☺️☺️ जब वह चाय में शक्कर डालने के लिए शक्कर का डिब्बा लेती हैं तो डिब्बा खाली देखकर हैरान हो जाती है। 🤔🤔🤔🤔
अरे बिल्लू इसमें शक्कर कहा गयी ,🤔🤔🤔🤔
माँ की बात सुनकर बिल्लू बोला माँ आप के जाने के  बाद मेने शक्कर को भी पानी मे भिगो कर रख दिया🤔🤔🤔🤔 क्योंकि वो थोड़ी सी ही थी इसलिए । 😄😅😅पानी में वह ज्यादा हो जाएगी।😄😄😄😄😄😄
बिल्लू की माँ बिल्लू की ये बात सुनकर हैरान हो जाती है, फिर चोटे बालक की नादानी पर हसने लग जाती हैं।


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– डिंपल कुमारी