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शारिरिक वासना की गंभीरता
दोस्तों शारीरिक आकर्षक होना स्वाभाविक है लेकिन दिन रात उठते बैठते केवल कामुक विचार अपने मस्तिष्क में रहना आपको मनोरुग्न बनाकर आपका सुखी जीवन बिगाड़ सकता है।
आजके प्रतियोगितात्मक युग मे लड़के लड़कियों के अलावा महिला एवं पुरुषों में भी अति उत्साह तेजी बढ़ रहा है कामुकता को लेकर जिससे युवा पीढ़ी धीरे धीरे बर्बाद हो रही है। एक दूसरे को देखना का नज़रिया बहोत ही निर्लज्जता भरा है। जिस कारण बलात्कार जैसे घटनाएं बढ़ रही दो पल की खुशी के लिए नाबालिग को का भी यौन शोषण हो रहा है।
इसी के चलते रिश्तों में भी दरार पड़ रही क्योकी जब दिमाग मे ही गंदगी भरी हो तब बहन, बेटी या भाभी को वासना धुंद व्यक्ति कैसे सन्मान दे पाएगा।
आज युवा वर्ग ने यौन अपराध तेजी से बढ़ रहा। इसका कारण पोर्न वीडिओज़ भी है और कामुकता भरे बुक्स जिसे पढ़कर यौन उत्तेजना कुछ पल के लिए जग तो जाएगी लेकिन यह उत्तेजना आपका या तो आपके द्वारा किसी और का जीवन बर्बाद कर सकती हैं।
कोई भी व्यक्ति वासना (अति उत्तेजना) का आदि कैसे बनता है चलिए जानते है विस्तार से ♂ सबसे पहले एकांत जब मानसिक रूप से कोई व्यक्ति एकांत में समय बीताता है तब वो कामुकता की और आकर्षित होता है।
♀ पोर्नोग्राफी एवं कामुकता भरी किताबे पढ़ना जिससे शारिरिक आकर्षण बढ़ जाता है।

वासना (कामुकता) से बाहर आना बहुत कठिन है लेकिन नामुमकिन नही कुछ नियमों का पालन अच्छे से किया था आप इस मानसिक बीमारी से बाहर आ सकते हैं।

जैसे की जो व्यक्ति पीड़ा ग्रस्त हैं उसने ज्यादातर समय सभी के साथ बिताना चाहिए।
जीतना हो सके एकांत से दूर ही रहना चाहिए।
दिन भर कुछ ऐसे काम करे जिस कारण आपके दिमाग मे कामुकता भरे विचार न आए।
आप प्राणायाम, योग कर सकते है साथ ही अध्यात्म से भी जुड़ सकते है जो काफी फायदे मंद होगा। आप जिस भगवान की भक्ति करते हो उनके नामका का मंत्र खाली समय मे जाप करना सबसे उत्तम कार्य होगा जो आपके जीवन को एक नए आयाम पर ले जाएगा।
इस पीड़ा मे हमने कइयों की सहायता की है इसमें से उभर ने के लिए असम्भव कुछ नही बस प्रयास निरन्तर करना होता हैं।

इसीलिए कहते है ना
बहुत आसान है वासनाधिन होना
उतना ही कठिन है स्वामी विवेकानंद होना 🙏

दोस्तो एक बार अवश्य पढ़कर
अपने विचार अवश्य दे 🙏
© उन्मुक्क्त अनूप