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_स्कूल _वाला _प्यार _

2012 की बात है जब मैं 8th में थीं । और मेरे साथ आर्यन (सचिन विश्वकर्मा) नाम का एक लड़का भी पढ़ता था ।1/01/2013 को हमे हमारी स्कूल की तरफ से पिकनिक में बेंसुरपुर ले जाया गया । वो भोले नाथ का मंदिर आज भी मुझे याद हैं जब वहा से घर आते वक्त मेरे कानों में एक हल्की सी आवाज़ जाती हैं ( I..💗..U..) । उस वक्त तो मुझे उस 14 साल के बच्चे के शब्दों का कोई असर नहीं हुआ । लेकिन थोड़ी देर बाद जब घर आने का वक्त हुआ तो , हमे जिस वैन में बैठाया गया उसमे जगह थोड़ी कम थी और हम दोनो को अगल_बगल बैठा दिया गया । और हमारे गोद में एक छोटी सी बच्ची को बैठा दिया गया था । और ठंडी का मौसम था इसलिए हम तीनो को एक गर्म कपड़ा दिया गया ओढ़ने के लिए , अब हम तीन एक ही गर्म कपड़े के अंदर थे और वो बच्ची को हम दोनो पकड़े थे । रब जाने कब और कैसे उनका हाथ मेरे हाथों को स्पर्श कर गया और उनका हाथ मेरे हाथों में आ गया । प्यार का वो पहला अहसास , मीठी और अनजान सी खुशी जिससे हम दोनो अनजान थे । बस हाथ छोड़ने का मन किसी का नहीं हो रहा था और हम करीब 50km की दूरी एक दूसरे का हाथ पकड़ के आ गए । जब स्कूल में सभी बच्चे पहुंचे और अपने _अपने घर जाने लगे तो मैं और आर्यन भी अपने घर, अपनी साइकिल से आने लगे । वो हमारे ही गांव में अपने मामा जी के घर में रहकर पढ़ाई करते थे । उस दिन मैं साइकिल लेकर नहीं गई थी इसलिए मुझे उनके साथ आने का मौक़ा मिला । स्कूल से घर 2km था इसलिए हमारे बीच रास्ते में हुए हाथ स्पर्श के अहसास के बारे में बातें हो रही थी की क्या था वो पल जिसमे हमे ये अनजान खुशी मिली । इस अहसास का नाम क्या होता है हमे ये तो नही पता था लेकिन हां वो पल बहुत ही खूबसूरत और यादगार रहा हमारे लिए ।
जब घर पहुंचे तो रात में वही मीठा अहसास बार बार याद आ रहा था मुझे, सुबह जब दोनो लोग स्कूल पहुंचे तो पहली बार उनको देखते ही दिल को धड़कन धक_ धक करने लगी और आंखो में अजब शर्मिला पन आ गया और मैं तेज़ गति से क्लास रूम में चली गई ।बस उस दिन से हमारा एक दूसरे को क्लास में बैठ कर देखते रहना शुरू होगया । उनकी नजरें हर पल हमारे उपर ही होती थीं । ये नजरों के मिलन का सिलसिला 8th_12th तक चलता रहा , जब हम 10th_12th में एक साथ ट्यूशन जाते थे तो दोनो साइकिल से जाते थे , एक साथ अगल _बगल क्लास में बैठते थे और वो हमारा हाथ पकड़ लेते थे । कभी _कभी किसी एक की साइकिल खराब होने की वजह से हम एक ही साइकिल में आते थे और वो जानबूझ कर मुझसे साइकिल चलाबाते थे ,ताकि उन्हें मेरी कमर पकड़ने का मौका मिले और वो मेरे कमर पकड़ लेते थे । हाथों में हाथ भी रख देते थे । बस ये सिलसिला कुछ ही दिनों में क्लास के लड़के और लड़कियों को पता चल गया और वो हमे चिढ़ाने लगे थे ।और सर को नही इस बात की खबर हो गई थी लेकिन वो कुछ कहते नही थे ,क्युकी हम दोनो पढ़ाई में काफ़ी अच्छे थे। अब हमे एक दूसरे से प्यार होने का मतलब समझ में आने लगा और दूर जाने से दिल घबराने लगा। लेकिन हुआ कुछ यू की 12th में मैं 2st top 10 में आई और वो 3सब में फैल होगाए। वो साथ आने जानें का सिलसिला , नजरे मिलने और झुकाने का सिलसिला कही गुम सा गया । अब हमारी बात नही हो रही थी क्योंकि उनका घर मेरे घर से 1km दूर था और हमारे पास मोबाइल फ़ोन भी नही थे । उनको मेरे गांव में रहकर दोबारा उसी स्कूल और ट्यूशन में 12 th पूरा करना पड़ा । और मैं उसी साल अपने गांव से 25km दूर रीवा में कॉलेज करने लगी । अब हमे एक दूसरे को देखना नामुकिन सा हो गया था । कभी कभी रास्ते में आते जाते दिख जाते थे । लेकिन हम कभी रुक कर एक दूसरे से रास्ते में बात नही किए बस एक लेते थे । धीरे _धीरे समय गुजरता गया और मेरे कॉलेज के 2nd ईयर में मुझे स्मार्ट फ़ोन मिला । लेकिन तब तक मेरे दिल से आर्यन की यादें धुदली हो गई थी । प्यार का अहसास मिट सा गया था । यादों का झरना भी थम गया था । इसलिए मैने कभी उनसे संपर्क करने की कोशिश ही नही की , और नही ही ये पता करने की कोशिश की थी की उनके पास फोन है भी या नही । मैं बस अपने आप में खुश थी और इसी दौरान मेरी मुलाकात एक सोशल मीडिया फ्रेंड से हुई । जिससे मैं काफी ज्यादा बात करने लगीं थी , पूरी रात गुजर जाती थीं लेकिन बातें ख़त्म नही होती थीं । धीरे _ धीरे हम लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन शिप में आ गए थे । हां धर्म अलग थे अपने और दूरियां कुछ ज्यादा ही थीं । न कभी देखे है न कभी मिले हैं फिर प्यार होगया था । अब मैं बस इसी बात से घबरा रही थी की आर्यन को कैसे बताऊं की वो अब मेरे बारे में अपने एहसासों को थाम ले रोक ले , मुझसे अब वो प्यार की उम्मीद न करे । क्युकी अब मैं शकीर से प्यार करने लगी थीं इसलिए वो किसी और को अपनी प्रेमिका बना ले। कुछ दिन हिम्मत करके मैंने एक दिन उन्हें फ़ोन मिलाया और अपने मन की बात कह डाली की अब मैं उन्हें प्यार नही करती हु , वो मुझे भूल जाए । बस इतना कह कर मैने फोन रख दिया बिना ये सोचे की उनके दिल में क्या बीत रही होगी । बाद में पता चला था मुझे की उन्होंने अपना फोन फोड़ दिया था मेरे फोन रखने के बाद । और डिप्रेशन में चले गए थे लोगो से दूरियां बना ली थी और सबसे अलग रहने लगे कम हसने लगे थे । लेकिन प्यार अब भी मुझसे ही करते थे लेकिन कहने से डरते थे ,चुप चुप रहते थे । धीरे धीरे समय बिता और तीन साल गुजर गए । इन बीते समय में मैने उन्हे रास्ते में आते जाते एक या दो बार ही देखा था । एक दिन मेरी मुलाकात आर्यन से एक शादी समारोह में हुई जहा पूरी रात हम एक दूसरे के सामने लेकिन दूर बैठे थे । उन्हें देखकर पता नही क्यों मेरी आंखों से बेवजह ही बेहिसाब बहते जा रहे थे और मैं उनसे इतना ही कह पाई की मैं उन्हें शकीर के लिए छोड़ा हैं । पूरी रात बस वो इतना ही बोल पाया की प्लीज बेटी(मेरे घर वाले प्यार से मुझे बेटी बोलते है इसलिए बचपन से वो भी मुझे बेटी बोलता है ) मेरे पास वापस अजाओ। और सुबह होते ही हम अपने गांव आ गए लेकिन हमारे बीच कोई प्यार की बात नही हुईं। घर आते ही न जाने मेरे मन में क्या बेचनी हुई की मैं उनसे बात करने के लिए तड़प गई । और रात को मैंने शकीर से सारी बातें बता दी की मैं उन्हे याद कर रही हूं बात करने का मन हो रहा हैं सब कुछ और मैने दोपहर में उनको फोन भी किया था जिसमे हमारी दो घंटे बात हुई और सिर्फ मैं रोते ही जा रही थी बस और उनसे इतना ही कह पाई की मुझे शकीर के साथ ही प्यार में रहना है इसलिए अब मैं आर्यन से कभी बात नही कर सकती हूं । ये सब सुनते ही शकीर ने कहा जितना ज्यादा बात करो उतना मुश्किल होगा उसे भूलने में बार बार उसके पास जाएगी तो और दुख होगा उसे इसलिए मोबाइल नंबर को ब्लॉक करके डिलीट कर दो । और मैने वैसा ही किया , कुछ दिनों में मैं भी फिर से आर्यन की यादो से दूर होती गई और फिर से शकीर से बात करने लगी । लेकिन तीन साल गुजरने के बाद मैने अपना कॉलेज पूरा करते ही डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को ज्वाइन कर लिया जिसमे मुझे 5 बिजनेस पार्टनर की जरूरत थी इसलिए मेरा सबसे पहला बिजनेस पार्टनर आर्यन बना । उनके सामने आते ही मुझे पता नहीं क्या हो गया था की मैं खुद को उनसे दूर रख ही नही पाती थी , न चाहते हुए भी बात करने के बहाने खोजती थी लेकिन वो दूर दूर रहते थे मुझसे । फिर एक दिन संयोग बस मैं और मेरी जुड़वा बहन और आर्यन एक ही बाइक से घर आ रहे थे , रास्ते में न जाने क्या हुआ की मेरा हाथ उनकी कमर से होते हुए सीने के पास जा पहुंचा और उनकी धडकनों की गति बड़ गई जो मुझे हाथो के जरिए समझ आ रही थीं , और ये सबके साथ साथ मुझे बचपन का वो साथ में साइकिल से स्कूल जाना हाथ और कमर पकड़ना सब याद आ रहा था । घर आते आते मेरा एक हाथ उनके हाथों में जा पहुंचा और हमे वो बचपन बाला मीठा अहसास फिर से एक बार महसूस हुआ जिसमे किसी का हाथ छोड़ने का मन नहीं हो रहा था लेकिन घर आ गया था इसलिए हाथ छोड़कर उनकी बाइक से उतरना पड़ा। रात को मेरी बात शकीर से 1 बजे ख़त्म होते ही मैंने अपनी सिस्टर के फ़ोन से आर्यन को फ़ोन लगाया और फिर दिन में जो भी एहसास हुआ था बाइक में बैठते ही फिर से सब बता दी उन्हें मैं और वो भी बता दिए की उनको नही वही एहसास हुआ जो बचपन में पहली बार हाथ पकड़ने में हुआ था । फिर सारी रात हमारी बातें चलती रही । और फिर हम बात करते करते कब सो गए और कॉल लगी रह गई पता ही नही चला , मेरे कानो मे फिर से वही आवाज गूज रही थीं , (I...💗...U) बेटी । इतना सुनते ही में उठी और समय देखी तो सुबह के 5 बज गए थे तब मैने कॉल कट कर दी । और फिर जब हम ऑफिस में मिले तो वो स्कूल वाला एहसास हुआ जब पिकनिक वाले दिन के दूसरे ही दिन स्कूल में मिलते ही दोनो की धड़कने तेज होगायी थीं । हम फिर से एक दुसरे के साथ घर आने लगे एक ही बस में साथ में ऑफिस में रहते , एक दूसरे को देखते थे । लेकिन अब मुझे एक डर सताने लगा था कि शकीर को कैसे बताओ कि के इनको देखते ही खुद से काबू खो देती हु और प्यार कर बैठती हूं । फिर भी मैंने हिम्मत करके शकीर को सब कुछ बता दिया और उसके समाने बात करते करते आंसू आ रहे थे क्योंकि मुझ पता था कि मेरे दूर जाने से शकीर टूट जाएगा बहुत दर्द होगा । लेकिन शकीर मेरे आंसू देखकर बोला अगर तुम्हे उसके पास जाना है तो मैं उससे बात करू लेकिन फिर तुम्हे किसी एक को ही चुनेना होगा । मैंने कहा ठीक है उसने सोशल मीडिया में एक चैटिंग ग्रुप बनाया जिसमे हम तीनो ने बात की शकीर का बार बार मुझसे एक ही सवाल था किसे चुनेंगी तू। मैं घंटो चुप रही और आखिर में मैंने आर्यन का नाम लिया क्युकी वो मेरा बचपन का प्यार था और उसे में देख सकती थी बात कर सकती थीं लेकिन शकीर से मैं कभी मिल नही पाती आज नही तो कल मुझे अलग होना ही था इसलिए मैंने आर्यन को चुना । शकीर बहुत रोया लेकिन मुझे हस कर बात कर रहा था जैसे उसे दर्द ही न हो रहा हों वो चाहता था की मैं उसे चुनूं लेकिन वो मेरी मर्जी के आगे झुक गया ।आर्यन ने तो पहले ही बोल दिया था हमेशा तेरी जो इच्छा होगी वही मेरी खुशी हैं । अब दोनो के प्यार की कदर है मुझे और दोनो को मैने बोला था की क्या दोनो नही मिल सकते है। तो दोनो ने कहा ऐसा नहीं हो सकता है इसलिए मुझे आर्यन के पास जाना पड़ा । और मैने आर्यन से एक चीज मांगी की मैं शकीर से सोशल मीडिया में बात करती रहूंगी थोड़ा कम करूंगी लेकिन बात जरूर करूंगी । उसने कहा तेरी खुशी के लिए कुछ भी । और में शकीर से थोड़ा बहुत आज भी बात कर लेती हू कैसा है , खाना खाया नहीं खाया हैं। हां जब आर्यन से बात करती हु तो शकीर के साथ सारी बातें याद आती है रोने लगती हूं मैं फिर तो आर्यन बोलते है मैं तेरी आंखों में आंसू की देख सकता । हमेशा तो शकीर के साथ रह नही सकती इसलिए उसे जितना दूर रहेगी उतना जल्दी भूलेगा वो । इसलिए मैने अब बात करना कम कर दिया है और जब भी बात करती हु शाकिर और मैं पता नही क्यों रोने लगते है , शकीर बोलता है मैं बहुत खुश था अचानक एक रात में मेरी सारी खुशियां छिन गई और बस रोता रहता है । क्या करू दर्द होता मुझे भी याद आती है मुझे भी बहुत लेकिन मैं जो सामने है उसे छोड़ कर सोशल मीडिया में पुरी उम्र नहीं गुजर सकती हूं । इसलिए दिल से ज्यादा दिमाग की सुनकर चलती हूं कभी कभी। और मैं आर्यन से पहले जैसा ही प्यार करने लगी पहले से ज्यादा ही , उसने दूर रह पाना मुश्किल हो रहा हैं ।अब बस उनके गले लग जाओ एक बार और हाथ पकड़ कर घंटो बैठी राहू सामने उनके यही तमन्ना है । उतने सालों से एक गांव में थे एक साथ पढ़े फिर भी आज तक वो मेरे इतना करीब नहीं आया की गले लगा ले मुझे । उनसे पहले से भी ज्यादा प्यार अब इसलिए होगया क्युकी बिना किसी सवाल जबाब के उन्होंने ने एक sorry बोलते ही मुझे माफ़ कर दिए मेरी गलती के लिए जो मैं उन्हे छोड़कर गई , तकलीफ़ उन्हें हुई थी लेकिन प्यार इतना करते थे की गुस्सा नही कर पाते मुझे देखकर इसलिए और प्यार आता है अब उनके ऊपर और तीन साल इतना कम समय नहीं था की कोई लड़की उनकी जिंदगी में न आ पाती और किसी से वो मिले ना होगे लेकिन उसके बाबजूद भी वो आज तक सिर्फ मुझसे ही प्यार करते रहे मेरी यादों के सहारे वो रात रात भर जागते थे , एक कोने में रात को बैठ कर फोन लॉक करके रोया करते थें । मुझे दुआ में मांगते थे । और गुस्सा होने पर भोले नाथ से कहते थे सब आपकी गलती है अपने ही हमे मिलाया था और अब वो जब मुझसे दूर चली गई है तो उनकी यादों को भी दूर कर दो या तो उसे मेरे पास भेज दो मैं उसके बिना नहीं रह सकता हूं । अब मैं भी आर्यन के बिना नहीं रह सकती हूं मुझे मेरा पहला और आखिरी प्यार हमेशा के लिए चाहिए । यही दुआ मगती हूं और दुआ कबूल हुई तो बहुत जल्द हम दोनो शादी करने वाले है अपने घरवालों को मनाएंगे । और फिर हम हमेशा हमेशा के लिए मिल जायेगे
लेकिन शकीर का क्या करू उसका दर्द कम करने वाली जल्दी से उसे उसकी लाइफ पार्टनर मिल जाए यही दुआ करती हूं, वो हमेशा खुश रहे बस मेरी गलती की सजा उसे न मिले उसे जो दर्द आर्यन को हुआ तीन साल में उसे बिलकुन न हो बस । मुझे आर्यन मिल जाए तो मैं केदारनाथ जाऊंगी आर्यन के साथ भोले नाथ के दर्शन के लिए बस दुआ कबूल कर भगवान जी। मुझे भरोसा है उनके ऊपर अगर भोले नाथ पहली बार हमे मिलाए है तो हमेशा के लिए भी मिलेंगे । दिल से बोल रही हूं मैं सिर्फ और सिर्फ आर्यन की रहना चाहती है और दोवरा कभी उनसे अपने मर्जी से दूर नही जाऊंगी वादा है है ये मेरा उनसे ।

(miss_geet@_💗 _Ary@n_)

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