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मेरा अनुभव मेरा गुरु
क्या ये चाहना गलत है
खुद के जीवन के हर पहलु पर खुद निर्णय लेना
माना हमारे अपने बड़े बहुत अनुभवी है
उन्हें हमसे ज्यादा तजुर्बा है ज्ञान है
वो पूरा उम्र बिता दिए लोगो को राय देते
लोगो में सुलह करते करते
पर ऐसा तो नहीं है न की वो कभी गलत साबित न हुवे हो या उनसे कोई गलती न हुई हो
ऐसा कोई भी इंसान नहीं है इस दुनिया में जिसने अपने जीवन में कोई गलती ही न की हो
क्युकी ऐसा इंसान सिर्फ भगवान हो सकते है
और इस दुनिया में बस इंसान है ईश्वर तो मन में बास्ते है
आजकल के टाइम में यही बातो पे फस्स जाते है
दिल कहता है अपनों को दुख कैसे दू अपनी ख़ुशी के लिए
पर जब हम खुद अपने निर्णय खुद ही लेना सीखेंगे तभी तो हम कल के समय में अपने अनुभव दुसरो को बता पाएंगे
क्युकी आज के मुस्किलो को हम अपनों सी बड़ो की मदद सी तो सुलझा तो लेंगे
पर अगर कल हमारे अपने नहीं होंगे तब क्या हम निर्णय ही नहीं लेंगे
लेंगे न तो फिर अभी क्यों नहीं
इंसान किसी के अनुभव की बाते सुन कर ज्यादा सिख नई सकता
जितना वो खुद अनुभव नहीं करता
क्युकी जब खुद का अनुभव होता है तो इंसान को अपनी गलती ...