भक्ति
*"भक्ति में सबसे बड़ी बाधा अंहकार है।"* हमारे जीवन का बस एक ही उद्देश्य होना चाहिए वो केवल अपने इष्ट देव भगवान की पूजा करना। केवल भगवान ही है जो हमें इस भवसागर से सदा के लिए पार लगा सकते है। श्रीमद भागवत यानि श्री माने लक्ष्मी और मद माने अहंकार, जिनको लक्ष्मी का अहंकार हो अथवा जिसको किसी वास्तु का अहंकार हो जैसे रूप का, धन का, जवानी का, भक्ति का भी अभिमान हो, उनको श्रीमद भागवत सुननी चाहिए। श्रीमद भागवत सुनने से उनका अहंकार दूर हो जायेगा। भक्ति में जो मुख्य बाधा होती है वो अहंकार ही होता है। हमारे और भगवान के बीच में अगर कोई भी सबसे बड़ी बाधा होती है तो वो केवल अहंकार ही होती है। अहंकार जब हमको आ जाता है तो हमारे और भगवान के बीच में बाधा आ जाती है। हम दोनों के बीच में एक अहंकार की दीवार आ जाती है। लेकिन दीवार के उस पर जो मेरे...