बिखरी हुई स्मृतियाँ🙂
लगता है जैसे पिछले जन्म की बात हो...
मैं खुद के अतीत को पीछे छोड़कर शुरुआत के लिए नए शहर में रह रहा था..मैंने कभी अपनाया नहीं उस शहर को और न ही उस शहर ने मुझे. इसके बावजूद हम दोनों की अच्छी बनती थी रात के सन्नाटे में घंटो किसी चौराहे पर सिगरेट फूंकते हुए बैठकर सोचा करता था..की यही तो जीवन का द्वंद है हर परेशानियों से लड़कर गिरना और फिर उठ जाना..
फिर एक दिन तुम मिली और सब खुशनुमा लगने लगा.. उन फूलो में फिर से वो महक आ गई थी जो किसी डायरी में दब कर सूख चुके थे.
मेरे लिए तुम्हे भी अपनाना उतना ही मुश्किल था जितना की उस शहर को अपनाना..शायद अंत तक तुम्हे चाहते रहने की इच्छा लेकर जीना ही मेरे जीवन का वरदान है.. कम से कम जीवित तो रहूंगा तुम्हारे हल्के छोटी छोटी यादों के दरमियान खुशियों को चुनते हुए..
मैं खुद के अतीत को पीछे छोड़कर शुरुआत के लिए नए शहर में रह रहा था..मैंने कभी अपनाया नहीं उस शहर को और न ही उस शहर ने मुझे. इसके बावजूद हम दोनों की अच्छी बनती थी रात के सन्नाटे में घंटो किसी चौराहे पर सिगरेट फूंकते हुए बैठकर सोचा करता था..की यही तो जीवन का द्वंद है हर परेशानियों से लड़कर गिरना और फिर उठ जाना..
फिर एक दिन तुम मिली और सब खुशनुमा लगने लगा.. उन फूलो में फिर से वो महक आ गई थी जो किसी डायरी में दब कर सूख चुके थे.
मेरे लिए तुम्हे भी अपनाना उतना ही मुश्किल था जितना की उस शहर को अपनाना..शायद अंत तक तुम्हे चाहते रहने की इच्छा लेकर जीना ही मेरे जीवन का वरदान है.. कम से कम जीवित तो रहूंगा तुम्हारे हल्के छोटी छोटी यादों के दरमियान खुशियों को चुनते हुए..