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वक्त निकल जाने पर!
निशा अभी भी समझ नहीं पा रही थी कि आकाश से अपने प्यार का इजहार कैसे करें। दिल कहता था कि कह दे आकाश से कि हाले दिल क्या है?पर दिमाग डरता था कि अगर आकाश ने उसका प्यार ठुकरा दिया तो.... उसका दिल टूट जाएगा
Author priyaprincess panwar
और यही सोच बार-बार उसे रोक देती थी और वो आकाश को कुछ कह ही नहीं पा रही थी।
आकाश और निशा एक ही आफिस में काम करते थे। वो रोज आकाश को देखती थी। लंच टाइम में भी वो छिप-छिपकर आकाश को देखती थी। निशा की सहेली गरिमा,निशा की इस चाहत के बारें में जानती थी,उसने निशा को कई बार सलाह दी कि वो आकाश को कह दे अपने प्यार के बारें में पर निशा हिम्मत नहीं कर पाती थी।
आज निशा ऑफिस नहीं गई थी। उसके मम्मी-पापा किसी रिश्तेदार के घर गए थे। निशा घर पर अकेली थी औऱ वो शाम होने का इंतजार कर रही थी क्योंकि 5 बजे उसका ऑफिस बन्द हो जाता था और आकाश कभी -कभी,उसके पड़ोस में रहने वाले अपने दोस्त मोहित से मिलने आ जाता था। शायद आज...
priyaprincess panwar
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स्वरचित ,मौलिक
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surajvihar Newdelhi78

शायद आज आकाश आ जाए अपने दोस्त से मिलने और उसे देख पाऊं नजर भर के और ...निशा अपने दिल में बस आकाश के बारे में ही सोच रही थी। वो अपने घर की छत पर खड़ी होकर आकाश के आने का इंतजार कर रही थी। और जैसे ही 6 बजे उसने आकाश की कारआती हुई देखी और उसका दिल खिल गया। वो कार की तरफ ही देख रही थी। कार उसके पड़ोसी मोहित के घर के सामने रुकी,...उसने आकाश को देखा कार से बाहर आते हुए ..और उसके साथ ही साथ एक लड़की भी कार से बाहर आई और उस लड़की ने आकाश का हाथ पकड़ लिया और उसके बहुत नज़दीक आकर हँसते हुए कुछ कहने लगी,आकाश भी मुस्कुराकर उसकी बात सुन रहा था और फिर आकाश उस लड़की के साथ अपने दोस्त मोहित के घर में चला गया।...निशा का चेहरा उदासी से भर गया और उसकी आँखे भीगने लगी और दिल जैसे टूटने लगा और उसके कदम,उसके बेडरूम में जाकर ही रुके। ..किसी पर कटे पंछी की तरफ, वो सोफे पर गिर-सी गई और नयनों से .......
आगे की कहानी बाद में
शेष..
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
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